आप कौन सी पत्रिका पढतेहै उसकें विचारो को समझने के लिए लगातार एक सप्ताह उसके सापदकीय लेखो को पढे विभिन्न सामाजिक मूद्दो पर आपके अखबार का क्या विचार है
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मै टाइम्स ऑफ इंडिया पढ़ती हूं। हर रोज हमारे घर यह अखबार आता है। सामाजिक मुद्दों पर टाइम्स ऑफ इंडिया के विचार निम्नलिखित है।
- हर अखबार की तरह टाइम्स ऑफ इंडिया में भी शिक्षा से जुड़ी, बेरोजगारी से जुड़ी समस्याओं का ब्योरा दिया जाता है। इन समस्याओं का निवारण भी बताया जाता है। शिक्षा संबंधी समस्याएं ये होती है कि आज कर समय में स्पर्धा बहुत है व अच्छे शिक्षा संस्थानों में प्रवेश प्राप्त करने के लिए 95 % से अधिक अंक आवश्यक होते है। यह समस्या लगभग हर विद्यार्थी की है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए टाइम्स ऑफ इंडिया में निवारण भी बताया गया , वे अखबार में विभिन्न शिक्षा संस्थानों के नाम देते रहते है जिससे की औसत अंको वाले विद्यार्थी को भी प्रवेश प्राप्त हो सकता है।
- बेरोजगारी की समस्या से जूझने के लिए टाइम्स ऑफ इंडिया में विज्ञापन आते रहते है, जब भी किसी कंपनी में कोई पद रिक्त होता है तो इस अखबार में वे विज्ञापन दे देते है जिससे इच्छुक व्यक्ति नौकरी के लिए आवेदन दे देता है।
- चोरी, डकैती व बलात्कार जैसे मुद्दों पर टाइम्स ऑफ इंडिया के विचार है कि इन अपराधियों को सख्त सजा देनी चाहिए ।
- इस प्रकार टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार द्वारा समाज सुधार के कार्य होते है।
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मैंने टाइम्स ऑफ इंडिया पढ़ा। यह अखबार हमारे घर रोज आता है। सामाजिक मुद्दों पर टाइम्स ऑफ इंडिया के विचार निम्नलिखित हैं।
हर अखबार की तरह टाइम्स ऑफ इंडिया में भी शिक्षा और बेरोजगारी से जुड़ी समस्याओं का ब्योरा दिया जाता है। इन समस्याओं के समाधान भी बताए गए हैं। शिक्षा से जुड़ी समस्या यह है कि आज के समय में बहुत प्रतिस्पर्धा है और अच्छे शिक्षण संस्थानों में प्रवेश पाने के लिए 95% से अधिक अंक आवश्यक हैं। लगभग हर छात्र की यही समस्या है। इस समस्या से निजात पाने के लिए टाइम्स ऑफ इंडिया में रोकथाम के बारे में भी बताया गया, वे विभिन्न शिक्षण संस्थानों के नाम अखबारों में देते रहते हैं, ताकि औसत अंक वाले छात्र को भी प्रवेश मिल सके।
बेरोजगारी की समस्या से निपटने के लिए टाइम्स ऑफ इंडिया में विज्ञापन आते रहते हैं, जब भी किसी कंपनी में कोई पद खाली होता है तो वे इस समाचार पत्र में विज्ञापन देते हैं, ताकि इच्छुक व्यक्ति नौकरी के लिए आवेदन कर सके।
चोरी, डकैती और बलात्कार जैसे मुद्दों पर टाइम्स ऑफ इंडिया की राय है कि इन अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
इस प्रकार समाज सुधार के कार्य टाइम्स ऑफ इंडिया समाचार पत्र द्वारा किये जाते हैं।
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