आप और आपका मित्र रेगिस्तान पर साइकिल लेकर खड़े हैं इसके बाद अपने मित्र को साइकिल से साइकिल की घंटी बजाते हुए अपने पास बुलाया और घर और आप घंटी की आवाज कौन सुने दोनों तिथियों में घंटी की आवाज में हुए परिवर्तन को अपने शब्दों में लिखें कारण सहित hu
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सामने नीम, पीपल के वृक्षों पर शाम उतर आई है। आर्ट गैलरी के आगे बढ़ती भीड़ मुंबई को हसीन जवान बना रही है। मैंने शकुंतला का तैलचित्र खरीदा है और समित को उसके घर की तरफ़ जाती हुई पतली कच्ची पगडंडी पर छोड़ती हुई घर लौट आई हूँ। कार पोर्टिको में पार्क की तो लछमन ने दरवाज़ा खोलकर देखा और नज़दीक आ गया।
“लछमन, कार में पेंटिंग रखी है। उसे मेरे बेडरूम की दीवार पर टाँग दो।”
लछमन ने कमरे में आकर पहले मुझे पानी दिया फिर एक लंबा लिफाफा। मैंने संकेत से पूछा- काम हो गया?
“जी।”
और वह पेंटिंग लाने पोर्टिको की ओर चला गया। मैंने लिफाफा खोलकर टिकट निकाली मालवगढ़ की।
मालवगढ़! हाँ....मालवगढ़ जाना है मुझे! अतीत के तहख़ाने टटोलने.... या अतीत के नहीं बल्कि अपने अंदर दबे दर्द के तहख़ाने पहचानने कि उनमें कितना दम है अभी। उन बिखर गए पलों को बटोरने की ज़िद बार-बार मुझे मालवगढ़ की ओर ढकेल रही थी।
जीप वाले रास्ते को याद कर मन सिहर जाता है। ऊबड़-खाबड़, रेत के ढूहों से भरा....बबूल, कीकर के कँटीले पेड़, झाड़ियाँ....शाम होने से पहले पहुँचने की हड़बड़ी क्योंकि रात होते ही डाकुओं का भय घेरे रहता। जाने कितनी अथाह स्मृतियाँ समाई हैं मुझमें....मैं भूल ही नहीं पाती कुछ....उन स्मृतियों की ही ज़िद है ये जो आज मेरे एकाकी जीवन की ज़िम्मेवार है। शादी नहीं करने के मेरे संकल्प की ज़िम्मेवार
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आप और आपका मित्र रेगिस्तान पर साइकिल लेकर खड़े हैं इसके बाद अपने मित्र को साइकिल से साइकिल की घंटी बजाते हुए अपने पास बुलाया और घर और आप घंटी की आवाज कौन सुने दोनों तिथियों में घंटी की आवाज में हुए परिवर्तन को अपने शब्दों में लिखें कारण सहित hu
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