आप पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के स्टेशन अधीक्षक मनोज कुमार हैं । विलंब से ट्रेन चलने की सूचना लगभग 40 से 50 शब्दों में लिखिए।
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Explanation:
नई दिल्ली
अक्सर ट्रेनों की लेटलतीफी का कारण रेल लाइनों का क्षमता से अधिक उपयोग माना जाता है लेकिन ताजा कैग रिपोर्ट से पता चलता है कि रेलवे स्टेशनों पर सीमित प्लेटफार्म की वजह से भी बड़ी तादाद में ट्रेनें लेट होती हैं। कैग ने अपनी ताजा रिपोर्ट में नई दिल्ली और पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशनों पर सीमित प्लेटफार्मों का हवाला देते हुए इस बात पर हैरत जताई है कि बड़ी तादाद में ट्रेनें लेट होने के बावजूद इन स्टेशनों की क्षमता बढ़ाने के लिए अब तक रेलवे के पास कोई प्लान ही नहीं हैं।
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ट्रेनें बढ़ीं लेकिन प्लेटफार्म नहीं
कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि नई दिल्ली और पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशनों पर 16-16 प्लेटफार्म हैं। बीते तीन साल के दौरान इन स्टेशनों से ट्रेनें तो बढ़ीं लेकिन प्लेटफार्मों की संख्या में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई। नई दिल्ली स्टेशन से जहां 2012 में 228 ट्रेनों को ऑपरेट किया जाता था, वहीं 2017 में इन ट्रेनों की संख्या बढ़कर 242 प्रतिदिन हो गई। लेकिन प्लेटफार्म की संख्या में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई।
नई दिल्ली स्टेशन पर जहां 16 में से 13 प्लेटफार्म ऐसे हैं, जहां से 24 या उससे अधिक कोच की ट्रेनों को ऑपरेट किया जा सकता है लेकिन पुरानी दिल्ली में 16 में से महज पांच प्लेटफार्म ही ऐसे हैं, जहां से 24 या इससे अधिक कोच की ट्रेनों को ऑपरेट किया जा सकता है। पुरानी दिल्ली स्टेशन पर तो एक भी ऐसी स्टेबलिंग लाइन नहीं है, जहां 24 कोच या उससे अधिक वाली ट्रेन को लाया जा सके।
ट्रेनों की लेटलतीफी
कैग ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि उसने मार्च 2017 में पूरे महीने की नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर आने जाने वाली ट्रेनों की स्टडी की। इसमें देखा गया कि नई दिल्ली स्टेशन के 206 ट्रेनों के संबंध में 2976 मिनट के लिए देरी हुई यानी तय समय से लेट हुईं। इन 206 में से 147 ट्रेनें ऐसी थीं, जिन्हें पांच मिनट से अधिकि वक्त तक रोका गया। ऐसी ट्रेनों का कुल 2749 मिनट बर्बाद हुए। इसके अलावा 28 ट्रेनों को रास्ते में 30 मिनट से अधिक वक्त के लिए रोका गया। इसी तरह पुरानी दिल्ली स्टेशन पर 163 ट्रेनों को 2895 मिनट तक रोका गया, जिसकी वजह से ट्रेनें तय टाइमटेबल से लेट हुईं।
मेंटीनेंस का दूर इंतजाम
इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पांच ट्रेनों के रखरखाव का इंतजाम किशनगंज, सराय रोहिल्ला, शकूरबस्ती आदि स्टेशनों के समीप होता है, जिनकी दूरी तीन से 11 किमी की है। ऐसे में इतनी दूर जाकर मेंटीनेंस करना और फिर वापस लाने में भी वक्त खराब हुआ। कैग ने कहा है कि दोनों ही रेलवे स्टेशनों पर यातायात सुविधाओं की खराब स्थिति के कारण ट्रेनों का आपरेशन प्रभावित हो रहा है लेकिन रेलवे का यहां यातायात सुविधाओं के विस्तार का कोई भी कार्य प्रस्तावित नहीं था।