आप पशुपालक समाज से क्या समझते हैं पशुपालन प्रारंभिक वैदिक लोगों का प्रधान व्यवसायिक कार्य क्यों था
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Answer:
पश्चात भारत में जिस नवीन सभ्यता का विकास हुआ उसे ही आर्य(Aryan) अथवा वैदिक सभ्यता(Vedic Civilization) के नाम से जाना जाता है। इस काल की जानकारी हमे मुख्यत: वेदों से प्राप्त होती है, जिसमे ऋग्वेद सर्वप्राचीन होने के कारण सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। वैदिक काल को ऋग्वैदिक या पूर्व वैदिक काल (1500 -1000 ई.पु.) तथा उत्तर वैदिक काल (1000 - 600 ई.पु.) में बांटा गया है।वैदिक काल, या वैदिक समय (c. 1500 - c.500 ईसा पूर्व), शहरी सिंधु घाटी सभ्यता के अंत और उत्तरी मध्य-गंगा में शुरू होने वाले एक दूसरे शहरीकरण के बीच उत्तरी भारतीय उपमहाद्वीप के इतिहास में अवधि है। सादा c. 600 ई.पू. इसका नाम वेदों से मिलता है, जो इस अवधि के दौरान जीवन का विवरण देने वाले प्रख्यात ग्रंथ हैं जिन्हें ऐतिहासिक माना गया है और अवधि को समझने के लिए प्राथमिक स्रोतों का गठन किया गया है। संबंधित पुरातात्विक रिकॉर्ड के साथ ये दस्तावेज वैदिक संस्कृति के विकास का पता लगाने और अनुमान लगाने की अनुमति देते हैं।[1]