आप दैनिक जीवन में कर्तव्यों का पालन किस प्रकार करते हैं लिखिए
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मेरे सपने का स्वराज तो गरीबों का स्वराज होगा। जीवन की जिन आवश्यकताओं का उपभोग राजा और अमीर लोग करते हैं, वही आपको भी सुलभ होनी चाहिए।... लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि हमारे पास उनके जैसे महल होने चाहिए। सुखी जीवन के लिए महलों की कोई आवश्यकता नहीं है। हमें महलों में रख दिया जाए, तो हम घबरा जाएंगे, लेकिन आपको जीवन की सामान्य सुविधाएं मिलनी चाहिए, जिनका उपभोग अमीर आदमी करता हैै। मुझे इस बात में बिल्कुल संदेह नही है कि हमारा स्वराज तब तक पूर्ण स्वराज नहीं होगा, जब तक वह आपको ये सारी सुविधाएं देने की पूरी व्यवस्था नहीं कर देता।
...पूर्ण स्वराज ऎसी स्थिति का द्योतक है, जिसमें गंूगे बोलने लगते हैं और लंगड़े चलने लगते हैै। ...सत्य और अहिंसा के जरिए सम्पूर्ण स्वतंत्रता की प्राप्ति का मतलब है- जात-पात, वर्ण या धर्म के भेद से रहित राष्ट्र के प्रत्येक घट की और उसमें भी उसके गरीब से गरीब व्यक्ति की स्वतंत्रता की सिद्धि। इस स्वतंत्रता से किसी को भी दूर नहीं रखा जा सकता। ...जिस हद तक हम सत्य और अहिंसा का अपनेे दैनिक जीवन में अमल करेंगे, उसी हद तक हमारी प्राप्त की हुई सम्पूर्ण स्वतंत्रता भी पूर्ण होगी।
यह सब इस बात पर निर्भर है कि पूर्ण स्वराज्य से हमारा आशय क्या है और उसके द्वारा हम पाना क्या चाहते हैं। अगर हमारा आशय यह है कि जनता मेें जागृति होनी चाहिए, उन्हें अपने सच्चे हित का ज्ञान होना चाहिए और सारी दुनिया के विरोध का सामना करके भी उस हित की सिद्धि के लिए कोशिश करने की योग्यता होनी चाहिए, और यदि पूर्ण स्वराज के द्वारा हम सुमेल, भीतरी या बाहरी आक्रमण से रक्षा और जनता की आर्थिक स्थिति में उत्तरोत्तर सुधार चाहते हों, तो हम अपना उद्देश्य राजनीतिक सत्ता के बिना ही, सत्ता जिनके हाथ में हो उन पर अपना सीधा प्रभाव डालकर, सिद्ध कर सक ते हैं। स्वराज्य की मेरी कल्पना के विषय में किसी को कोई गलतफहमी नहीं होनी चाहिए।