आपके अनुसार 'अनेकता में एकता' का विचार भारत के लिए कैसे उपयुक्त
है? भारत की खोज किताब से लिए गए इस वाक्यांश में नेहरू भारत की
एकता के बारे में क्या कहना चाह रहे हैं?
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Explanation:
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हमारे विचार से ‘अनेकता में एकता’ का विचार भारत के लिए बहुत उपयुक्त है। भारत की खोज किताब में जवाहर लाल नेहरू ने लिखा है कि भारतीय एकता बाहर से थोपी हुई चीज नहीं है, बल्कि “यह बहुत गहरी है जिसके अंदर अलग-अलग तरह के विश्वास और प्रथाओं को स्वीकार करने की भावना है। इसमें विविधता को पहचाना और प्रोत्साहित किया जाता है।” इन सारे तत्वों का वर्णन करते हुए उन्होंने ही ‘अनेकता में एकता’ के विचार से हमें अवगत कराया।
नेहरू जी के कहने का मतलब था कि भारत में एकता किसी बाहरी शक्ति द्वारा नही थोपी गई है। इसकी नींव बहुत गहरी है। अलग-अलग तरह के विश्वास और प्रथाओं को स्वीकार करने की भावना के कारण यह बहुत वर्षों में विकसित हुआ है। भारत हमेशा से विभिन्न सभ्यता और संस्कृति को अपनाता रहा है। सदियों से यहाँ के लोग विभिन्न तरह की आस्था में विश्वास रखते आ रहे हैं।
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