आपको अपनी प्रधानाचार्य जी को धन्यवाद पत्र लिखना है तो आप पत्र में उन्हें संबोधित करते हुए क्या लिखेंगे
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pradhanyachayra ji hi likhenge yrr bro
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अपने भाई के जन्म-दिवस के उत्सव पर अपने मित्र को निमंत्रण-पत्र लिखिए।
418, लक्ष्मी नगर
दिल्ली-92
दिनांक: 18 मार्च, 20XX
प्रिय मित्र राहुल
सप्रेम नमस्कार
बहुत दिन हुए तुम्हारा कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ। निश्चित ही तुम सभी सकुशल होंगे। राहुल पहले तुम पत्र व्यवहार में बहुत कुशल थे, लेकिन जैसे-जैसे आगे बढ़ रहे हो, अपने पुराने मित्रों को भूलते जा रहे हो, परंतु मैं तुम्हें ऐसा नहीं करने दूंगा। मित्र इस बार तुम्हें मेरे यहाँ अवश्य आना है।
तुम्हें यह जानकर हार्दिक प्रसन्नता होगी कि 28 मार्च को मेरे छोटे भाई विवेक का जन्म-दिवस है। हमने उसके जन्म-दिवस पर एक उत्सव का आयोजन किया है। सायंकालीन 5 बजे जलपान की व्यवस्था है। इस अवसर पर उसके कुछ मित्र सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित करना चाहते हैं। इस कार्यक्रम द्वारा सभी का मनोरंजन होगा। मैं चाहता हूँ कि इस शुभ अवसर पर तुम अपने परिवार के साथ आओ और विवेक को आशीर्वाद दो। वैसे भी तुमसे मिले काफ़ी समय हो गया है, इसी बहाने हम एक-दूसरे के साथ थोड़ा समय गुजार लेंगे। मैंने अपने और मित्रों को भी बुलाया है, सभी एक साथ मिलकर अच्छा समय बिताएँगे, नाचेंगे, गाएँगे। बहुत मज़ा आएगा।
मुझे आशा है कि तुम इस अवसर पर अपने परिवार के साथ ज़रूर आओगे और हमारे कार्यक्रम की शोभा बढ़ाओगे।
शेष मिलने पर
तुम्हारा मित्र
अमित खन्ना
2. अपने जन्मदिन पर मामा जी को बुलाने के लिए आलोक की ओर से एक निमंत्रण-पत्र लिखिए।
सी-23, सेक्टर-31
नोएडा
दिनांक: 10 अगस्त, 20XX
आदरणीय मामा जी
सादर नमस्कार
आशा है, आप सपरिवार आनंद से होंगे। हम सभी यहाँ सकुशल हैं । मामाजी इस बार ग्रीष्मावकाश पर आपसे मिलने न आ सका। इसके लिए क्षमा प्रार्थी हूँ। मैं अपने विद्यालय के मित्रों के साथ शिमला घूमने चला गया था सो न आ सका। आप सभी की याद बहुत आई थी। हर वर्ष आपके साथ एक सप्ताह बिताकर जो आनंद प्राप्त होता है उसका वर्णन नहीं कर सकता।
समाचार यह है कि इस बार मैं अपना जन्मदिन बड़ी धूमधाम से मनाने जा रहा हूँ। मेरी हार्दिक इच्छा है कि आप भी इस दिन मामी जी तथा भावेश के साथ मेरी इस खुशी में शामिल हों। मेरा जन्मदिन 20 अगस्त को है। मैं चाहता हूँ, आप 19 अगस्त को ही नोएडा पहुँच जाएँ। अगले दिन के कार्यक्रम की रूपरेखा बनाने में मुझे आपके सहयोग की आवश्यकता है। मैं जानता हूँ कि आप इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन सहज ही कर लेते हैं। इस अवसर पर आपके साथ काम करके मैं आपके सानिध्य में बहुत कुछ सीखना चाहता हूँ। आशा करता हूँ कि आप मुझे निराश नहीं करेंगे। मैं आपका इंतज़ार कर रहा हूँ।
आपका
आलोक
3. अपने मित्र को ग्रीष्मावकाश अपने साथ बिताने का निमंत्रण देते हुए पत्र लिखिए।
1237, मदरसा रोड
कश्मीरी गेट
दिल्ली -110006
दिनांक: 22 जनवरी, 20XX
प्रिय रवि
सप्रेम नमस्ते आज की डाक से तुम्हारा पत्र मिला। पढ़कर विदित हुआ कि तुम्हारे पिता जी की विदेश यात्रा के कारण तुम्हारा ग्रीष्मावकाश में शिमला जाने का कार्यक्रम रद्द हो गया है। जैसा कि तुमको मैंने बताया था कि ग्रीष्मावकाश में हम मुंबई जा रहे हैं। हम 25 मई को वहाँ जाएँगे और एक सप्ताह वहाँ रुकेंगे। मैं जानता हूँ कि तुम भी मुंबई जाना चाहते हो। इस शहर को देखने की तुम्हारी बहुत इच्छा है, तो क्यों न तुम भी हमारे साथ ही चल दो।
मेरी इच्छा है कि यह छुट्टियाँ हम दोनों एक साथ मिलकर मनाएँ। मुंबई में हम एसलवर्ड, जुहू बीच, मरीन ड्राईव, चौपाटी, हाजी अली आदि अनेक जगहों पर घूमेंगे। पिछले साल मैं तुम्हारे परिवार के साथ श्रीनगर घूमने गया था। अतः तुम्हारे पिता जी तुम्हें हमारे साथ चलने की अनुमति दे देंगे। फिर भी यदि कोई समस्या हो तो मुझे लिखना, मैं दूरभाष पर अपने पिता जी की तुम्हारे पिता जी से बात करवा दूंगा।
तुम्हारा अभिन्न मित्र
राहुल
4. अपने जन्मदिन पर मित्र को बुलाने के लिए निमंत्रण-पत्र लिखिए।
परीक्षा भवन
नई दिल्ली
दिनांक: 26 फरवरी, 20XX
प्रिय मित्र
मधुर स्मृति
मित्र, जब से तुमने अपना विद्यालय बदल लिया है, मेरा मन ही नहीं लग रहा। हम दोनों इतने अच्छे मित्र थे कि लोग हमारी मित्रता की मिसाल दिया करते थे। सच मैं उन दिनों को बहुत याद करता हूँ और सदैव तुम्हारा साथ पाने की कामना करता रहता हूँ। तुम जानते ही हो कि मेरा जन्मदिन 3 मार्च को है। तुम्हें यह जानकर अत्यंत हर्ष होगा कि मेरे माता-पिता इस बार भी मेरा जन्मदिन बहुत धूम-धाम से मना रहे हैं। तुम्हारे प्रिय भोजन का इंतजाम करने के साथ-साथ संगीत का आयोजन भी किया है। खूब नाचेंगे और मजे करेंगे। सच मेरी खुशी का तो ठिकाना ही नहीं है।
हमारे पुराने और मेरे नए मित्र भी आ रहे हैं। इस अवसर पर तुम्हारा यहाँ होना बहुत ज़रूरी है। यदि इस खुशी के मौके पर तुम मेरे साथ होओगे, तो मज़ा दुगुना हो जाएगा। मुझे याद है कि पिछले वर्ष किन्हीं कारणों से तुम इस अवसर पर नहीं आ सके थे, तब भी तुम्हारी कमी बहुत खली थी, अब कोई बहाना नहीं चलेगा मित्र, क्योंकि तुम्हारा साथ पाकर तो मेरी खुशी एवं उत्साह दुगुना हो जाता है। कम-से-कम चार-पाँच दिन का समय लेकर आना। हम खूब मज़े करेंगे। दिल्ली दर्शन को भी चलेंगे। चाचा जी एवं चाची जी को मेरा चरण-स्पर्श कहना। अपने छोटे भाई को प्यार।
तुम्हारी प्रतीक्षा में
तुम्हारा अभिन्न मित्र
अ०ब०स०
5. अपने भाई के विवाह में सम्मिलित होने के लिए मित्र को