आपके बैंक में कुछ नए कर्मचरियों के आ जाने
से ग्राहक सेवा के स्तर में सुधार आ गया
हैं। इसका उदाहरण देकर बैंक के मुख्य प्रबंधक
महोदय को उन कर्मचारियों की सा र प्रशंसा
करते हुए पर लिखिए।
Answers
Explanation:
1. आप ज्वरग्रस्न हैं। डॉक्टर ने आपको तीन दिन आराम करने की सलाह दी है। इसका उल्लेख करते हुए अपने विद्यालय
के प्रधानाचार्य को अवकाश हेतु प्रार्थना पत्र लिखिए।
उत्तरः
सेवा में प्रधानाचार्य जी
रा.व.मा. बाल विद्यालय नं. 1
श्रीनिवासपुरी, दिल्ली।
विषय-ज्वरग्रस्त होने पर अवकाश के संबंध में।
महोदय,
सविनय निवेदन यह है कि मैं आपके विद्यालय की IX कक्षा का छात्र हूँ। परसों विद्यालय से घर जाते समय मैं भीग गया था। इससे मुझे कल शाम से अचानक तेज़ बुखार आ रहा है। डॉक्टर ने मुझे दवाओं के साथ तीन दिन का आराम करने की सलाह दी है ताकि मैं पूरी तरह ठीक हो सकूँ।
आपसे प्रार्थना है कि मेरी अस्वस्थता को ध्यान में रखते हुए मुझे तीन दिन का अवकाश देने की कृपा करें।
सधन्यवाद
आपका आज्ञाकारी शिष्य
विनय वर्मा
IX A अनु० 25
22 अगस्त, 20XX
2. आपके विद्यालय में पीने के पानी की व्यवस्था अच्छी नहीं है। छात्रों की धक्का-मुक्की में एक छात्र गिरकर चोटिल हो गया। इसका उल्लेख करते हुए अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को पीने के पानी की व्यवस्था ठीक करवाने हेतु प्रार्थना पत्र लिखिए।
उत्तरः
सेवा में
प्रधानाचार्य जी
राजकीय सर्वोदय विद्यालय
सेक्टर 15, रोहिणी
दिल्ली।
विषय-पीने के पानी की अव्यवस्था के संबंध में।
महोदय
सविनय निवेदन यह है कि इस विद्यालय की नौवीं कक्षा का छात्र हूँ। इस विद्यालय में लगभग ढाई हज़ार छात्र-छात्राएँ अध्ययनरत हैं। इतने छात्रों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था के रूप में तीन टोंटियाँ लगी हैं जिससे हर समय यहाँ भीड़ लगी रहती है। यहाँ अक्सर छात्रों को धक्का-मुक्की करते देखा जा सकता है। प्रायः बड़ी कक्षा के छात्र छोटे बच्चों को किनारे करके खुद पानी पीने की जल्दी में रहते हैं। परसों ही किसी बड़े छात्र के धक्के से छठी कक्षा का छात्र गिर गया। इससे उसका हाथ टूट गया और उसे अस्पताल ले जाना पड़ा।
आपसे प्रार्थना है कि हम छात्रों की समस्या को ध्यान में रखते हुए नई टंकी रखवाने एवं टोटियों की संख्या बढ़ाने का कष्ट करें।
सधन्यवाद
आपका आज्ञाकारी शिष्य
क्षितिज शर्मा
IX B अनु. 15
10 जुलाई, 20xx
3. आपके विद्यालय में खेल सुविधाएँ बहुत कम हैं। अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को पत्र लिखिए, जिसमें खेल संबंधी सुविधाएँ उपलब्ध कराने की प्रार्थना की गई हो।
उत्तरः
सेवा में
प्रधानाचार्य महोदय
रा.व.मा. बाल विदयालय
मंगोलपुरी दिल्ली।
विषय-खेल संबंधी असुविधाओं के संबंध में।
महोदय
मैं आपके विद्यालय की नौवीं कक्षा का छात्र हूँ। मैं आपका ध्यान इस विद्यालय में खेल संबंधी कमियों की ओर आकर्षित कराना चाहता हूँ।
श्रीमान, बरसात के बाद हमारे विद्यालय के खेल का मैदान जगह-जगह के कारण मच्छर एवं अन्य कीट-पतंगों की भरमार हो गई है जिससे वहाँ खेला नहीं जा सकता है। इसके अलावा यहाँ खेल के सामानों की घोर कमी है। इससे खेल-पीरियड में हमें माँगने पर सामान नहीं मिल पाता है। जो सामान मिलते हैं वे दयनीय स्थिति में होते हैं। इससे हम छात्र खेलने से वंचित रह जाते हैं और हम चाहकर भी खेल प्रतियोगिताओं में कोई पदक नहीं ला पाते हैं।
अतः आपसे प्रार्थना है कि खेलों का नया सामान मँगवाने के अलावा खेल के मैदान की दशा सुधारने के लिए आवश्यक कदम उठाने की कृपा करें।
धन्यवाद
भवदीय
तुषार कुमार
IX ‘अ’ अनु-10
13 अगस्त, 20XX
4. पंद्रह दिनों तक लगातार अनुपस्थित रहने के कारण आपका नाम काट दिया गया है। अपनी अनुपस्थिति का उचित कारण बताते हुए पुनः प्रवेश के लिए अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को प्रार्थना पत्र लिखिए।
उत्तरः
सेवा में
प्रधानाचार्य महोदय
नंद नगरी, दिल्ली।
विषय-पुनः प्रवेश के संबंध में
श्रीमान जी
विनम्र निवेदन यह है कि मैं इस विद्यालय की नौंवी कक्षा का छात्र हूँ। लगभग बीस दिन पहले मेरे दादा जी की तबीयत अचानक खराब हो गई। उन्हें अस्पताल में भरती करवाना पड़ा। दुर्भाग्य से उस समय पिता जी अपनी कंपनी के काम से लखनऊ गए थे और कई दिन बाद लौट सके। ऐसे में दादा जी की देखभाल के लिए मुझे ही अस्पताल में रुकना पड़ा पर मैं इसकी सूचना कक्षाध्यापक को न दे सका। कल ही दादा जी को अस्पताल से लेकर मैं घर आया। आज विद्यालय आने पर ज्ञात हुआ कि लगातार अनुपस्थित रहने के कारण मेरा नाम काटा जा चुका है।
श्रीमान जी, मैं अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहता हूँ। आपसे प्रार्थना है कि परिस्थितियों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए मुझे पुनः प्रवेश लेने की अपुमति देकर कृतार्थ करें।
सधन्यवाद
आपका आज्ञाकारी शिष्य
अनुराग शर्मा
IX-सी, अनु. 23
07 अगस्त, 20XX
5. आपके विद्यालय के पुस्तकालय में हिंदी की पत्र-पत्रिकाओं की घोर कमी है, जिससे हिंदी माध्यम के छात्र पुस्तकालय जाने में अरुचि दिखाने लगे हैं। इस ओर प्रधानाचार्य का ध्यान आकृष्ट करवाते हुए प्रार्थना पत्र लिखिए।
उत्तरः
सेवा में
प्रधानाचार्य जी
नवदीय सीनियर सैकेंड्री स्कूल
नांगलोई, दिल्ली।
विषय-विद्यालय के पुस्तकालय में हिंदी पत्र-पत्रिकाओं की संख्या बढ़ाने के संबंध में।
महोदय
विनम्र निवेदन यह है कि मैं इस विद्यालय की नौवीं कक्षा का छात्र हूँ। हमारे विद्यालय का पुस्तकालय अत्यंत समृद्ध है। यहाँ तरह-तरह के विषयों की हज़ारों पुस्तकें हैं। यहाँ नियमित रूप से अनेक समाचार-पत्र और पत्रिकाएँ मँगवाई जाती हैं पर इनमें हिंदी माध्यम के समाचार पत्र और पत्रिकाओं की संख्या नगण्य है। कभी-कभी एक-दो पत्रिकाएँ मँगवाकर खानापूर्ति कर दी जाती है। यहाँ की पुरानी पत्र-पत्रिकाएँ पढ़कर हमारा जी भर गया है। इससे अब हिंदी माध्यम के छात्र पुस्तकालय आने में रुचि नहीं लेते हैं। हम छात्र चाहते हैं कि यहाँ भी चंदा माना, चंपक, लोट-पोट, बाल हंस, पराग, नंदन, सुमन सौरभ आदि पत्रिकाएँ मँगवाई जाएँ।
आपसे प्रार्थना है कि हम छात्रों की रुचि देखते हुए हिंदी की उक्त पत्रिकाएँ मँगवाने का कष्ट करें।
सधन्यवाद
आपका आज्ञाकारी शिष्य
पुष्कर शर्मा
IX ‘स’, अनु. 27
10 नवंबर 20XX