आपके भाई ने एक कोचिंग संस्था खोली है इसके लिए एक विज्ञापन तैयार कीजिए
Answers
Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
अब कोचिंग संस्थान अपने विज्ञापन में नहीं लिखवा सकेंगे नौकरी की गारंटी
2 वर्ष पहले
कार्यालय संवाददाता| हिंडौन सिटी
प्रदेश में आए दिन पढ़ाई के दौरान डिप्रेशन का शिकार विद्यार्थियों के आत्म हत्याओं की घटना पर लगाम लगाने के लिए प्रदेशभर में प्रत्येक जिला स्तर पर निगरानी तंत्र स्थापित करने का निर्णय लिया है।
यह तंत्र राज्य में संचालित कोचिंग संस्थानों, छात्रावासों व पीजी संस्थानों में अध्ययनरत विद्यार्थियों की आत्महत्या की घटनाओं को रोकने के लिए विशेष प्रयास करेगा। साथ ही अब कोचिंग संस्थाएं अपने विज्ञापन में यह नहीं प्रकाशित करवा सकेंगे कि गारंटी से सरकारी एवं निजी क्षेत्र में नौकरी की व्यवस्था रहेगी। प्रदेश में यह तंत्र सभी जिला मुख्यालयों पर जिला प्रशासन द्वारा स्थापित किया जाएगा।
हाल ही में स्कूल शिक्षा के प्रमुख शासन सचिव ने भी इस संबंध में आदेश जारी कर दिए है। विद्यार्थियों व अभिभावकों का जिला प्रशासन से सीधा संपर्क स्थापित किए जाने के लिए अद्यतन तकनीक युक्त समस्या समाधान तंत्र स्थापित किया जाएगा। जिसे अपेक्षित साफ्टवेयर के माध्यम से सुव्यवस्थित रूप से संचालित रूप से संचालित किया जाएगा। जिला प्रशासन की ओर से इस व्यवस्था के लिए निगरानी समिति का गठन किया जाएगा। इस समिति की मॉनिटरिंग जिला प्रशासन करेगा।
हालांकि इस समिति में विशेष रूप से शिक्षा विभाग एवं चिकित्सा विभाग के अधिकारियों का भी विशेष रोल रहेगा। जिला स्तरीय कमेटी के अध्यक्ष कलेक्टर होंगे। एसपी, एडीएम, एएसपी, यूआईटी या नगर परिषद आयुक्त, सीएमएचओ नामित चिकित्साधिकारी उप निदेशक माध्यमिक शिक्षा बतौर सदस्य होंगे।
48 घंटे में समस्या का समाधान, सप्ताह में एक दिन समीक्षा
जिला प्रशासन व्यवस्था प्रबंधन के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त करेगा जो शिकायतों के समाधान का विवरण जिला स्तरीय समिति को 48 घंटे में प्रस्तुत करेगा। जिला स्तरीय समिति तत्काल निस्तारण की कार्रवाई करेगी। व्यवस्थाएं सभी विभागों के समन्वय से तय होगी।
कोचिंग संस्थानों एवं छात्रों से संबंधित पुलिस थाना क्षेत्रों के लिए पृथक-पृथक प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति कलेक्टर करेंगे। प्रभारी अधिकारी प्रत्येक सप्ताह निश्चित दिवस की समीक्षा करेंगे। विद्यार्थियों के अध्ययन के तनाव को दूर करने के लिए उनके कोचिंग एवं आवासीय क्षेत्र के निकट मनोरंजन, खेलकूद एवं सांस्कृतिक गतिविधियों की सुविधा प्रदान करने के लिए नगर इकाई एक मिनी सुविधा केन्द्र स्थापित करेगी। मनोविशेषज्ञों की सुविधा प्रदान करने के लिए वैलनेस सेंटर भी संचालित किए जाएंगे।
आमतौर पर कोचिंग संस्थान प्रचार-प्रसार के लिए मुख्य मार्गों पर बड़े-बड़े होर्डिंग लगाकर लिखते हैं कि सरकारी या निजी बड़ी कंपनी में नौकरी की परीक्षा में तथा बड़े इंजीनियरिंग या चिकित्सा क्षेत्र में प्रवेश परीक्षा में पास की गारंटी है, ऐसे शब्दों के उपयोग पर अब प्रतिबंध रहेगा।