आपके गाँव या
शहर में संक्रांति
कैसे मनाते है?
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हिंदू धर्म में सूर्यदेवता से जुड़े कई प्रमुख त्योहारों को मनाने की परंपरा है। उन्हीं में से एक है मकर संक्राति। आज मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जा रहा है। शीत ऋतु के पौस मास में जब भगवान भास्कर उत्तरायण होकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो सूर्य की इस संक्रांति को मकर संक्राति के रूप में देश भर में मनाया जाता है। वैसे तो मकर संक्रांति हर साल 14 जनवरी को मनाई जाती है, लेकिन पिछले कुछ साल से गणनाओं में आए कुछ परिवर्तन के कारण इसे 15 जनवरी को भी मनाया जाने लगा है।
मकर संक्रांति का पर्व
हमारे गांव शहर में मकर संक्रांति का पर्व बड़े उत्साह धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन तिल की बनी विशेष तरह की मिठाइयां आदि बनाई जाती है। हमारी क्षेत्र में खिचड़ी बनाने का विशेष रिवाज है और इस दिन काली उड़द की दाल की खिचड़ी बनाकर खाई जाती है, उसका दान किया जाता है। इसके अतिरिक्त काली उड़द का दान करना शुभ माना जाता है। तिल का दान करना शुभ माना जाता है और तिल के बने विशेष व्यंजन बनाए-खाए जाते हैं और उनका दान किया जाता है। इस दिन गंगा स्नान या अन्य किसी पवित्र नदी में स्नान करने का भी रिवाज है। नदी स्नान करके पूजा आदि करके तिल की बनी मिठाइयों को ब्राह्मणों व मंदिरों आदि में दान दिया जाता है। शाम को पतंग उड़ाई जाती है, और रंग-बिरंगी पतंगों से आसमान पट जाता है। तरह-तरह की पतंग उड़ाने की प्रतियोगितायें आयोजित की जाती हैं।