आपके जीवन की कोई घटना या ण विशेष नो यादगार बन गया, उस पर 100 से 120 शब्दों में शीर्षक सहित पक लघु कथा मिथिला ।
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आपके जीवन की कोई घटना या ण विशेष नो यादगार बन गया, उस पर 100 से 120 शब्दों में शीर्षक सहित पक लघु कथा मिथिला ।
दोस्तों की दोस्ती सबसे प्यारी
सब के जीवन में घटनाएँ तो आम बात है यह तो चलती ही रहती है | यह उस समय की बात है जब हम चार दोस्त शिमला घूमने गए | हमारा बस में सफर 8 घंटे का था | काफी समय हो गया था , बस में सफर किए हुए हमने सोचा इस बार हम बस में जाएंगे | सर्दियों का समय था | मौसम काफी ठंडा था | जैसे-जैसे हम शिमला के पास पहुंचते गए ठंड और बढ़ती गई |
जब हम कुफ़्री पहुंचे वहाँ बस रुक गई , और सब उतर गये देखा तो बर्फ़ पड़ना शुरू हो गई है | धीरे-धीरे बर्फ़ बढ़ती जा रही थी | बस को चलाने का भी खतरा था | हमारे ठंड से बुरे हल हो गए | बस चाक ने कहा आगे रास्ता बंद हो गया बस मुश्किल जाएगी | हम सब डर गये अंधेरा भी हो गया था | ऐसा लग रहा था जैसे आखिरी दिन हो | बस चाक ने हिम्मत करके कोशिश करके हमसे आगे फँसी बस को निकला उसके बाद हमारी | हम सब ने राहत की चैन ली और होटल पहुंचे | यह घटना बहुत डराने वाली थी | ठंड से हमारी हालत खराब हो चुकी थी | इस यात्रा की यह घटना हमेशा याद रहती है |
Explanation:
सब के जीवन में घटनाएँ तो आम बात है यह तो चलती ही रहती है। यह उस समय की बात है जब हम चार दोस्त शिमला घूमने गए। हमारा बस में सफर 8 घंटे का था। काफी समय हो गया था , बस में सफर किए हुए हमने सोचा इस बार हम बस में जाएंगे । सर्दियों का समय था। मौसम काफी ठंडा था । जैसे-जैसे हम शिमला के पास पहुंचते गए ठंड और बढ़ती गई।
जब हम कुफ्री पहुंचे वहाँ बस रुक गई, और सब उतर गये देखा तो बर्फ़ पड़ना शुरू हो गई है। धीरे-धीरे बर्फ़ बढ़ती जा रही थी। बस को चलाने का भी खतरा था हमारे ठंड से बुरे हल हो गए। बस चाक ने कहा आगे रास्ता बंद हो गया बस मुश्किल जाएगी। हम सब डर गये अंधेरा भी हो गया था । ऐसा लग रहा था जैसे आखिरी दिन हो । बस चाक ने हिम्मत करके कोशिश करके हमसे आगे फँसी बस को निकला उसके बाद हमारी । हम सब ने राहत की चैन ली और होटल पहुंचे यह घटना बहुत डराने वाली थी । ठंड से हमारी हालत खराब हो चुकी थी। इस यात्रा की यह घटना हमेशा याद रहती है।