आपके जीवन में गुरु का क्या महत्व है ?आने वाले शिक्षक दिवस के बारे में बताते हुए कि वह कब ,क्यों और कैसे मनाया जाता है अपने छोटे भाई को एक प्यार भरा पत्र लिखें | *
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sorry don't now the answer
भारत के स्वर्णिम इतिहास में गुरु-शिष्य परम्परा के लिए अपना सर्वस्व दाव पर लगा देने वाले बहुत सारे गुरु व शिष्य रहे हैं। भारतीय संस्कृति में गुरु-शिष्य की महान परम्परा के अन्तर्गत गुरु (शिक्षक) अपने शिष्य को शिक्षा देता है या किसी अन्य विद्या में निपुण करता है बाद में वही शिष्य गुरु के रूप में दूसरों को शिक्षा देता है। यही क्रम लगातार चलता रहता है। यह परम्परा सनातन धर्म की सभी धाराओं में मिलती है। गुरु-शिष्य की यह परम्परा ज्ञान के किसी भी क्षेत्र में हो सकती है। भारतीय संस्कृति में गुरु का बहुत अधिक महत्व है। 'गु' शब्द का अर्थ है अंधकार (अज्ञान) और 'रु' शब्द का अर्थ है प्रकाश ज्ञान। मतलब अज्ञान को नष्ट करने वाला जो ब्रह्म रूप प्रकाश है, वह गुरु है। हमारे देश में प्राचीन काल से ही आश्रमों में गुरु-शिष्य परम्परा का निर्वाह कुशलतापूर्वक होता रहा है। भारतीय संस्कृति में गुरु को अत्यधिक सम्मानित स्थान प्राप्त है। भारतीय इतिहास पर नज़र डाले तो उसमें गुरु की भूमिका समाज को सुधार की ओर ले जाने वाले मार्गदर्शक के रूप में होने के साथ क्रान्ति को दिशा दिखाने वाली भी रही है। भारतीय संस्कृति में गुरु का स्थान ईश्वर से भी ऊपर माना गया है, जो कि निम्न श्लोक से स्पष्ट हो जाता है।