आपके कॉलेज द्वारा एक सप्ताह तक एड्स जागरूकता अभियान चलाया गया। उसी की एक रिपोर्ट लिखो।
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बिजनौर में राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी बीएस रावत ने कहा कि एड्स एक ऐसा बीमारी है जिसका अभी तक इलाज नहीं मिल पाया है। दवा के जरिये मरीज के जीवन को बढ़ाया जरूर जा सकता है। उन्होंने कहा कि एड्स रोगियों के साथ सामान्य व्यक्तियों जैसा ही व्यवहार करें। ये छुआछूत का रोग नहीं है।
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शनिवार को वर्धमान कॉलेज में विश्व एड्स दिवस पर आयोजित गोष्ठी में नोडल अधिकारी ने कहा कि लोगों में एचआईवी के प्रति जागरूकता लाने के लिए सभी को प्रयास करने चाहिए। सावधानी और बचाव ही इसका बेहतर उपाय है। यह बीमारी हाथ मिलाने, गले लगने या एक दूसरे के साथ रहने से नहीं फैलती। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा एचआईवी की जांच एवं इलाज सरकार द्वारा बिल्कुल मुफ्त किया जाता है। यह सुविधा जिला अस्पताल के अतिरिक्त ब्लॉक स्तरीय अस्पतालों में भी उपलब्ध है। कॉलेज में विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से छात्र-छात्राओं और अन्य लोगों को इसके प्रति जागरूक किया गया। इस अवसर खेलकूद, भाषण प्रतियोगिता कराई गई। साथ ही हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। सीएमओ राकेश कुमार मित्तल ने कहा कि एचआईवी एक ऐसा वायरस है जो केवल मानव शरीर में ही पाया जाता है तथा मनुष्य की रोग प्रतिरोधक क्षमता को धीरे धीरे कम कर देता है या फिर नष्ट भी कर देता है। उन्होंने कहा कि एड्स की आखिरी अवस्था है जब शरीर रोगों से लड़ने की अपनी ताकत खो बैठता है। साथ ही यह वह अवस्था है जिसमें मनुष्य में एचआईवी के साथ साथ एक अधिक बीमारियों के लक्षण दिखने लगते हैं। जिला मलेरिया अधिकारी बृजभूषण ने बताया कि एचआईवी संक्रमित व्यक्ति से यौन संबंध स्थापित करने से, एचआईवी संक्रमित रक्त या रक्त उत्पाद चढ़ाने से, संक्रमित सुइयों आदि के साझा प्रयोग से तथा संक्रमित मां से उसके होने वाले बच्चे को एचआईवी रोग फैलता है। इस अवसर प्राचार्य सीएम जैन, एसीएमओ पीआर नायर, एचआईवी कोआर्डिनेटर मो. दानिश, जिला कार्यक्रम समन्वयक नितिन श्रीवास्तव, रशाद खान, नकुल कुमार, अरविंद कुमार आदि मौजूद रहे।