आपके क्षेत्र में डेंगू और चिकनगुनिया फैल गया है। इससे यहाँ बीमारी की संभावना बढ़ गई है। इसका उल्लेख करते हए अपने उस मित्र को पत्र लिखिए जो चेन्नई से आपके पास आने वाला है।
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चिकनगुनिया और डेंगू के मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी होती है जिसकी मुख्य वजह है खान-पान और साफ-सफाई। इससे संक्रमित व्यक्ति को जान का खतरा तो होता है, इसके अलावा घर के बाकी सदस्य भी इसकी चपेट में आ सकते हैं। यदि आप भी इस ग्रसित बीमारी से छुटकारा पाना चाहते हैं तो इन बातों पर विशेष ध्यान दें।
डेंगू क्या है और इसके फैलने का क्या कारण है ?
डेंगू एक आम संक्रामक रोग है जो कि वायरस के द्वारा होता जिसका अहम कारक है घर में या अपने आस-पास की गलियों में मच्छरों की मौजूदगी।मलेरिया कि तरह डेंगू भी मच्छरों के काटनें से ही फैलता है इन मच्छरों को Aedes Mosquito, Aedes Aegypti मच्छर कहा जाता है यह मच्छर दिन में भी काटते हैं । भारत में डेंगू जुलाई से अक्टूबर के महीनो में सबसे अधिक होता है ।
डेंगू के लक्षणों को ऐसे पहचानिए :
1. भूख कम लगना।
2. तेज़ ठंड लगकर बुख़ार आना।
3. सिर और आंखों में दर्द होना।
4. शरीर और जोड़ों में दर्द में होना।
5. पेट के निचले हिस्से में दर्द होना।
6. जी मचलाना, उल्टी और दस्त आना।
7. गंभीर स्थिति में आंख और नाक से खून आना।
8. शरीर में लाल निशान, धब्बे, चकत्ते और खुजली होने लगती है।
डेंगू से बचने के लिए क्या उपाय करने चाहिए :
1. घर के अंदर और आस पड़ोस में पानी इकठ्ठा न होने दें।
2. नीम की पत्तियों का धुँआ घर में फैलायें।
3. पानी के बर्तनों को खुला न रखें।
4. किचिन और वॉशरूम को सूखा रखें।
5. कूलर और गमले का पानी प्रतिदिन बदलते रहें।
6. खिड़कियों और दरवाज़ों पर जाली लगवायें।
7. शरीर पर मच्छर को दूर रखने वाली क्रीम लगायें।
8. पूरी आस्तीन वाले कपड़े पहनें।
9. सोते समय मच्छर दानी का प्रयोग करें।
10. घर के आसपास मच्छर मारने वाली दवा का छिड़काव करवायें।
चिकनगुनिया क्या है और इसके फैलने का क्या कारण है ?
चिकनगुनिया बुखार, वायरस से फैलता है। अल्फा? नाम का यह वायरस एडिस मच्छ र के काटने से फैलता है।यह एक वायरल बीमारी भी है क्यूोंकि जब चिकनगुनिया से ग्रसित किसी आदमी को कोई मच्छर काटता है और फिर वही मच्छर किसी और आदमी को काट लेता है यह अल्फा वायरस उस मच्छर द्वारा दूसरे व्यक्ति तक पहुँच जाता है और वह व्यक्ति भी चिकनगुनिया से पीड़ित हो जाता है। मादा मच्छर Aedes Aegypti और Aedes Albopictus मच्छर की प्रमुख प्रजातियाँ हैं जो इस बीमारी को फैलाती हैं। ये मच्छर दिन में काटते हैं। चिकनगुनिया का वायरस धारण करने वाला एक मच्छर अपने जीवन काल में करीब एक दर्जन लोगों को इन्फेक्ट कर सकता है।
चिकनगुनिया के लक्षण :-
1. तेज बुखार आना।
2. सिर में तेज दर्द।
3. मुंह में छाले और उल्टी आना।
4. भूख में कमी और स्वाद ना आना।
5. चक्कर आना और कमजोरी महसूस होना।
6. हाथ, पैर और पीठ में तेज दर्द।
7. रैशेज या चकत्ते पड़ जाना।
8. जोड़ों में सूजन और मांस पेशियों में दर्द।
चिकनगुनिया से बचने के उपाय :
1. मच्छरों के काटने से बचें।
2. घर में या आस-पास जल-जमाव ना होने दें।
3. मच्छरदानी का प्रयोग करें |
4. दिन में भी मच्छररोधी कॉयल जला कर रखें।
5. बाहर जाते समय मच्छररोधी क्रीम का प्रयोग करें।
6. पूरी आस्तीन वाले कपड़े पहनें।
7. पानी की टंकियों के ढ़क्कन बंद रखें
8. सप्ताह में एक दिन टंकी को खाली करें व सुखाने के बाद प्रयोग करें।
अगर आपको भी इस तरह के चिन्हित लक्षण नजर आ रहे हैं तो सबसे पहले अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जायें और अपना ब्लड टेस्ट जरूर करवायें। टेस्ट करवाने के बाद यदि रिपोर्ट्स नेगेटिव आती है तो परेशानी की कोई बात नहीं है लेकिन यदि आपकी रिपोर्ट्स पॉजिटिव आती हैं तो स्वास्थ्य विभाग द्वारा सही उपचार हेतु विभिन्न प्रकार के जागरुक अभियान चलाएं जाते हैं उनका लाभ लीजिए और उचित परामर्श प्राप्त करें ताकि समस्या गंभीर रूप न ले सके। पूरी तरह से ठीक होने तक डॉक्टर की सलाह के मुताबिक घर पर ही आराम करें।
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thanks for information.
an good morning