आपकी कल्पना के अनुसार सुनियोजित नगर पर प्रकाश डालिए
Answers
Answered by
5
Answer:
कल्पना एवं चिंतन की मानसिक प्रक्रियाओं की प्रकृति इतनी अधिक समान होती है कि साधारण भाषा में कभी-कभी इनका पर्यायवाची शब्दों के रूप में प्रयोग किया जाता है। समानता की दृष्टि से, दोनों ही क्रियाओं में विगत अनुभवों का प्रतिस्मरण तथा उनक नया संयोजन तैयार करना है, एवं दोनों की क्रियाएँ व्यक्ति की असंतुष्ट आवश्यकताओं और इच्छाओं की संतुष्टि का मार्ग खोजने के लिए उत्पन्न होती हैं। लेकिन दोनों के उद्देश्य भिन्न होते हैं। कल्पना अवास्तविक, अतार्किक एवं काल्पनिक रचनात्मक हल आवश्यकताओं की संतुष्टि के लिए खोजती है, चिंतन का उद्देश्य हमेशा तार्किक एवं वास्तविक हल खोजना है और इसीलिए इसे तार्किक (रीज़निंग) क्रिया के नाम से भी पुकारा जाता है। चिंतन की क्रिया तब तक प्रारंभ नहीं होगी जब तक कोई वास्तविक समस्या आवश्यकताओं की संतुष्टि में मार्ग में उपस्थित न हो। लेकिन कल्पना अवास्तविक और काल्पनिक समस्याओं की उपस्थिति से भी प्रारंभ हो सकती है।
Explanation:
mark me brainliest please
Answered by
0
Answer:
hi good evening friend what's up
Similar questions