आपको कठपुतली की तरह दूसरों के इशारों पर नाच ना पड़े तो आपको कैसा लगेगा और क्यो
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कठपुतली को सदा दूसरों के इशारों पर नाचने से दुःख होता है क्योंकि उसे चारों ओर से धागों के बंधन से बाँध रखा गया था। वह इस बंधन से तंग आ गई थी। वह स्वतंत्र रहना चाहती है।
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मुझे यदि कठपुतली की तरह दूसरों के इशारों पर नाचना पड़े तो मुझे बहुत बुरा लगेगा व कष्ट होगा।
- मै एक स्वाभिमानी प्रवृत्ति की लड़की हूं। मुझे किसी की गुलामी करना पसंद नहीं।
- किसी के इशारों पर नाचना मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लगेगा क्योंकि मुझे अपनी आज़ादी प्रिय है, मै हमेशा स्वतंत्र रहना चाहूंगी ताकि मेरी जो भी इच्छा हो वह मै पूरी कर सकूं।
- आज भारतीय नारी हर क्षेत्र में आगे है । उसने दिखा दिया है कि वह सिर्फ चूल्हा चौका संभालना नहीं जानती बल्कि पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर काम करना जानती है।
- पुराने जमाने में औरत को पैर की जूती समझा जाता था जहां औरत एक कठपुतली की तरह कभी भाई व पिता के इशारों पर तो कभी सास , ससुर, पति व देवर के इशारों पर नाचती थी ।
- आज जमाना बदल गया है औरत प्रधान मंत्री की कुर्सी पर भी बैठी है, उसने आकाश में उड़ान भी लगाई है व पूरे जहां में अपना नाम रोशन किया है।
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