Hindi, asked by arunarohilla2003, 2 months ago

आपके मा जी करो ना वैक्सीन नहीं लगवाना चाहते उन्हें करो ना वैक्सीन लगवाने हेतु प्रेरित करते हुए पत्र लिखिए ​

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Answered by zarkart569
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Answer:

Explanation:

रोना वैक्सीन लगवाने के लिए भारत सरकार को अपने नियमों में अब थोड़ा और बदलाव करना चाहिए. इसकी माँग कई राज्य सरकारों की तरफ़ से उठ रही है.

महाराष्ट्र सरकार ने इस बारे में केंद्र सरकार को चिट्ठी लिख कर 25 साल से ऊपर सभी को कोरोना का टीका लगवाने की इजाज़त माँगी है.

वहीं दिल्ली की सत्ता पर क़ाबिज़ आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा प्रधानमंत्री से सवाल पूछ रहे हैं कि क्या भारत सरकार के लिए पाकिस्तान के लोगों की जान की क़ीमत, भारत के लोगों की जान की क़ीमत से ज़्यादा है. उनका इशारा वैक्सीन निर्यात के फ़ैसले को लेकर था.

इसी तरह की गुहार राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर रघु शर्मा ने भी केंद्र सरकार से लगाई है. उन्होंने सोमवार को कहा, "प्रदेश में जिस तेज़ी से कोरोना संक्रमण फैल रहा है, केंद्र सरकार तुरंत कोरोना वैक्सीनेशन के लिए आयुसीमा को हटाएं, जिससे कम समय में अधिक लोगों का टीकाकरण कर संक्रमण के फैलाव को रोका जा सके."

ग़ौर करने वाली बात ये है कि इन तीनों राज्यों में ग़ैर-बीजेपी पार्टी की सरकार है.

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इमेज स्रोत,PIB INDIA

इसके अलावा मंगलवार को ऐसी ही माँग इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने भी की. आईएमए ने प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर सुझाव दिया है कि 18 साल से ऊपर के सभी भारतीयों को कोरोना वैक्सीन लगवाने की इजाज़त सरकार को दे देना चाहिए.

जब अलग-अलग क्षेत्रों से इतनी माँग उठ रही है, तो आख़िर मोदी सरकार इस पर फ़ैसला तुरंत क्यों नहीं ले रही है. मंगलवार को केंद्र सरकार के स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने संवाददाता सम्मेलन में इसका जवाब भी दिया.

उन्होंने कहा, "विश्व में हर जगह ज़रूरत के आधार पर पहले टीकाकरण किया गया है, ना कि लोगों के चाहत के आधार पर."

इसके लिए उन्होंने दुनिया के कई देशों जैसे ब्रिटेन, अमेरिका, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया का उदाहरण भी दिया और बताया कि हर देश ने चरणबद्ध तरीक़े से उम्र सीमा के साथ टीकाकरण अभियान की शुरुआत की.

लेकिन फिर भी लोग सवाल उठा रहे हैं - कोरोना वैक्सीन लगवाने के लिए मोदी सरकार उम्र सीमा को फ़िलहाल क्यों नहीं हटा सकती?

यही समझने के लिए हमने बात की डॉक्टर सुनीला गर्ग से. डॉक्टर सुनीला गर्ग मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज में कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के हेड हैं.

उम्र के हिसाब से टीकाकरण अभियान की शुरुआत को वो सही ठहराती है. सरकार के फैसले के पीछे वो तर्क भी देती हैं.

पहला तर्क: सबके चक्कर में ज़रूरतमंद कहीं छूट ना जाएं

आँकड़े बताते हैं कि कोरोना महामारी 45+ की उम्र सीमा वालों के लिए ज़्यादा ख़तरनाक रही है.

अगर 18+ की उम्र वालों के लिए अभी इजाज़त दे दी जाती है तो कहीं ऐसा ना हो कि कम उम्र वाले वैक्सीन पहले लगवा लें और ज़्यादा उम्र वालों वाले ना लगवा पाएं.

कहीं ऐसा ना हो कि सरकार फिर आगे चल कर उनको वैक्सीन दे ही ना पाए. अगर ऐसा हुआ तो कोरोना से होने वाली मौतें भी बढ़ सकती हैं.

दूसरा तर्क: वैक्सीन नई है, घर-घर जा कर वैक्सीन नहीं लगाया जा सकता

ये पहला मौक़ा है कि कोविड-19 की वैक्सीन रिकॉर्ड समय में तैयार हुई है. इसके कुछ एडवर्स इफे़क्ट भी हैं. अभी तक कोई बड़ी अनहोनी की ख़बर भारत में नहीं हुई है. लेकिन आगे भी एहतिहात

बरतने की ज़रूरत है. इसलिए घर-घर जा कर या फिर रेलवे स्टेशन पर बूथ बना कर इसे नहीं दिया जा सकता. ये दूसरी बड़ी वजह है कि भारत सरकार लोगों के सहयोग पर ही टीकाकरण के लिए

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