आपके माता-पिता द्वारा दी जा रही हीदायतो और पढ़ाई के लिए डांट फटकार के प्रति आपकी क्या प्रतिक्रिया होती है। अपने शबदौ या बडे बाई साहब कहानी के आधार पर लीखे।
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बच्चे का सबसे पहला विद्यालय उसका घर और सबसे पहले गुरु उसके माता-पिता होते हैं। शिशु शुरुआती अवस्था में अपने माता-पिता से ही सारी क्रियाएं सीखता है और अपना ज्ञान अर्जित करता है। माता-पिता न सिर्फ बच्चों को अच्छी शिक्षा देते हैं बल्कि सही-गलत की पहचान कराते हुए बच्चों का स्वर्णिम भविष्य बनाने का भी काम करते हैं। बच्चे माता-पिता का मार्गदर्शन पाकर सभी कठिनाईयों पर विजय पाते हुए अपने सपने को साकार करते हैं। दरअसल माता-पिता के व्यवहार और क्रियाओं का उनके बच्चों पर सीधा प्रभाव पड़ता है। यदि घर में कुछ गलत होता है तो बच्चे गलत सीखते हैं। इसी तरह यदि घर का वातावरण सही होता है तो बच्चों को अच्छी शिक्षा मिलती है। इसलिए सबसे पहले माता-पिता की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण होती है। माता-पिता के रूप में आप जैसा करेंगे, आपके बच्चे वैसा ही सीखने की कोशिश करेंगे। यदि आप अपने बच्चे के भविष्य को सुंदर बनाना चाहते हैं, अपने सपनों को सच कर दिखाना चाहते हैं तो यह बहुत जरूरी है कि आप बच्चों के लिए एक रोल मॉडल बनें। बच्चों के सामने स्वयं एक बेहतर उदाहरण बनें ताकि इसका सकारात्मक प्रभाव आपके बच्चे पर पड़े। आइए जानते हैं कि माता-पिता के रूप में आप साधारण बातों को भी किस तरह से बेहतर बना सकते हैं और बच्चों के लिए एक रोल मॉडल बन सकते हैं।