आपके मित्र का शरीर स्थूल होता जा रहा है। उसे नित्य प्रातः भ्रमण अवं योगासन करने की सलाह देते हुए पत्र लिखिए।
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अ. ब. क.
शिवाजी नगर,
पुणे -411 005
21 अक्टूबर 2017
प्रिय..........
कैसे हो तुम? मुझे पता चला है कि तुम प्रायः अस्वस्थ रहते हो |
तुम एक होनहार विद्यार्थी हो | लेकिन तुम शरीर से कमजोर हो |मैंने तुम्हें पहले भी व्यायाम करने की सलाह दी थी |आज फिर उसी बात को दोहराता हूँ | व्यायाम से शरीर को ताकत मिलती है | स्वस्थ और मजबूत शरीर में बीमारियों प्रवेश नहीं करती | इसलिए तुम्हें नित्य प्रातः योगासन करने चाहिए | सुबह शाम को एक-दो किलोमीटर की पैदल सैर भी करनी चाहिए |
आशा है, मेरी सलाह मानकर तुम अब नित्य व्यायाम करोगे |
तुम्हारा मित्र
अ. ब. क.
शिवाजी नगर,
पुणे -411 005
21 अक्टूबर 2017
प्रिय..........
कैसे हो तुम? मुझे पता चला है कि तुम प्रायः अस्वस्थ रहते हो |
तुम एक होनहार विद्यार्थी हो | लेकिन तुम शरीर से कमजोर हो |मैंने तुम्हें पहले भी व्यायाम करने की सलाह दी थी |आज फिर उसी बात को दोहराता हूँ | व्यायाम से शरीर को ताकत मिलती है | स्वस्थ और मजबूत शरीर में बीमारियों प्रवेश नहीं करती | इसलिए तुम्हें नित्य प्रातः योगासन करने चाहिए | सुबह शाम को एक-दो किलोमीटर की पैदल सैर भी करनी चाहिए |
आशा है, मेरी सलाह मानकर तुम अब नित्य व्यायाम करोगे |
तुम्हारा मित्र
अ. ब. क.
anu275:
thank you
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शांति बाजार
वाराणसी-६७८९०
प्यारी सखी,
मैं दिन प्रतिदिन तुम्हारी शरीर की दुर्बलता को देखकर बेहद चिंतित हो रही हूं। सच बोलूं तो तुम्हारी यह दशा मुझसे देखी नहीं जाती।
तुम को अच्छा खाना, अच्छा आराम और प्राणायाम की आवश्यकता है।
तुम सुबह उठकर बस दो मिनट का मेडिटेशन करो। अपनी चिंताओं का स्वाहा करो देखना तुम ठीक हो जाओगी।
आशा करती हूं कि तुम मेरी बात को समझी हो।
लीला।
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