आपके मित्र और आपके बीच पाठशाला में लड़ाई हुई आपको उस बात पर पश्चाताप हुआ इसीलिए अपने मित्र को पत्र लिखे
➡️ लड़ाई का कारण कोई भी ले सकते है परंतु वह "हास्यास्पद" हो
✔प्रयास करने वाले को 20 likes मेरी तरफ से
❌बेतुके जवाब ना दे कृपया
Answers
Answer:
- ► (प्रेषक-लिखने वाले का पता)
- ► दिनांक …
- ► संबोधन …
- ► अभिवादन …
- ► पहला अनुच्छेद …(कुशल-मंगल समाचार)
- ► दूसरा अनुच्छेद …(विषय-वस्तु-जिस बारे में पत्र लिखना है)
- ► तीसरा अनुच्छेद …(समाप्ति)
- ► प्रापक के साथ प्रेषक का संबंध
- ► प्रेषक का नाम …
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सठियांव
आजमगढ़, उत्तर प्रदेश
दिनांक - 25 फरवरी 2021
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प्रिय मित्र प्रियांश,
आज जो विद्यालय में हुआ उसके लिये मुझे बहुत दुख है और शायद मैं इसके लिये क्षमा प्रार्थी भी नहीं हूँ। किंतु गलती इसमें तुम्हारी भी थी पहले तुमने ही बाद-विवाद शुरु किया और बहुत अपशब्द भी कह दिया। जिसको मैं बर्दाश्त नहीं कर पाया और तुम्हें सबके सामने पीट दिया। मुझे तुमने जो भी कहा मुझे तनिक भी दुख नहीं है लेकिन दुख इस बात का है की मैनें तुमसे लड़ाई की और अपने परम मित्र को दुख पहुँचाया। जिसके लिये मुझे बहुत अफ़सोस है। खैर जो हुआ सो हुआ, अब हमें इस सब बातों को भुला देना चाहिये।
आशा है कि तुमने मेरी बात को समझोगे होगा और मुझे माफ़ भी करोगे।चाचा-चाची जी को मेरा नमस्ते कहना।
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तुम्हारा परम मित्र
@Loveyouhindi
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- ↝ (i) भाषा सरल व स्पष्ट होनी चाहिए।
- ↝ (ii) संबंध व आयु के अनुकूल संबोधन, अभिवादन व पत्र की भाषा होनी चाहिए।
- ↝ (iii) पत्र में लिखी बात संक्षिप्त होनी चाहिए
- ↝ (iv) पत्र का आरंभ व अंत प्रभावशाली होना चाहिए।
- ↝ (v) भाषा और वर्तनी-शुद्ध तथा लेख-स्वच्छ होना चाहिए।
- ↝ (vi) पत्र प्रेषक व प्रापक वाले का पता साफ व स्पष्ट लिखा होना चाहिए।
- ↝ (vii) कक्षा/परीक्षा भवन से पत्र लिखते समय अपने नाम के स्थान पर क० ख० ग० तथा पते के स्थान पर कक्षा/परीक्षा भवन लिखना चाहिए।
- ↝ (viii) अपना पता और दिनांक लिखने के बाद एक पंक्ति छोड़कर आगे लिखना चाहिए।
Explanation:
औपचारिक पत्र का प्रारुप
► (प्रेषक-लिखने वाले का पता)
► दिनांक
► संबोधन
► अभिवादन
► पहला अनुच्छेद …(कुशल-मंगल समाचार)
► दूसरा अनुच्छेद …(विषय-वस्तु-जिस बारे में पत्र लिखना है)
► तीसरा अनुच्छेद …(समाप्ति)
► प्रापक के साथ प्रेषक का संबंध
► प्रेषक का नाम …
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✠आवश्यक पत्र
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सठियांव
आजमगढ़, उत्तर प्रदेश
दिनांक - 25 फरवरी 2021
प्रिय मित्र प्रियांश,
आज जो विद्यालय में हुआ उसके लिये मुझे बहुत दुख है और शायद मैं इसके लिये क्षमा प्रार्थी भी नहीं हूँ। किंतु गलती इसमें तुम्हारी भी थी पहले तुमने ही बाद-विवाद शुरु किया और बहुत अपशब्द भी कह दिया। जिसको मैं बर्दाश्त नहीं कर पाया और तुम्हें सबके सामने पीट दिया। मुझे तुमने जो भी कहा मुझे तनिक भी दुख नहीं है लेकिन दुख इस बात का है की मैनें तुमसे लड़ाई की और अपने परम मित्र को दुख पहुँचाया। जिसके लिये मुझे बहुत अफ़सोस है। खैर जो हुआ सो हुआ, अब हमें इस सब बातों को भुला देना चाहिये।
आशा है कि तुमने मेरी बात को समझोगे होगा और मुझे माफ़ भी करोगे।चाचा-चाची जी को मेरा नमस्ते कहना।
तुम्हारा परम मित्र
राम
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✠अनौपचारिक-पत्र लिखते समय ध्यान रखने योग्य बातें :
↝ (i) भाषा सरल व स्पष्ट होनी चाहिए।
↝ (ii) संबंध व आयु के अनुकूल संबोधन, अभिवादन व पत्र की भाषा होनी चाहिए।
↝ (iii) पत्र में लिखी बात संक्षिप्त होनी चाहिए
↝ (iv) पत्र का आरंभ व अंत प्रभावशाली होना चाहिए।
↝ (v) भाषा और वर्तनी-शुद्ध तथा लेख-स्वच्छ होना चाहिए।
↝ (vi) पत्र प्रेषक व प्रापक वाले का पता साफ व स्पष्ट लिखा होना चाहिए।
↝ (vii) कक्षा/परीक्षा भवन से पत्र लिखते समय अपने नाम के स्थान पर क० ख० ग० तथा पते के स्थान पर कक्षा/परीक्षा भवन लिखना चाहिए।
↝ (viii) अपना पता और दिनांक लिखने के बाद एक पंक्ति छोड़कर आगे लिखना चाहिए।