India Languages, asked by naveenkumarbhuna8, 7 months ago

आपका मित्र वाद विवाद प्रतियोगिता में प्रथम आया है। उसे शुभकामनाएं देते हुए बधाई पत्र लिखिए​

Answers

Answered by mrrschauhan04a
13

Explanation:

375, कृष्णनगर

भोपाल

25 मार्च, 2008

प्रिय सुमेधा

मधुर स्मृतिः ।

बहुत-बहुत बधाई हो सुमेधा! मुझे अभी-अभी तुम्हारी सखी नीलिमा का टेलीफोन-संदेश मिला है। पता चला कि तुमने इस वर्ष संपूर्ण दिल्ली के विद्यालयों में सर्वश्रेष्ठ वक्ता होने का सम्मान पाया है।

सुमेधा! मुझे इस समाचार से इतनी प्रसन्नता हुई है कि खुशी मन में नहीं समा रही। इसलिए सब काम छोड़कर तुम्हें बधाई लिख रही हूँ। मेरी ओर से हार्दिक बधाई। मेरी मम्मी और पापा भी तुम्हें आशीर्वाद भेज रहे हैं। ईश्वर करे तुम्हारी यह कला दिन दुगुनी रात चौगुनी वृद्धि करे। तुम सचमुच इस सम्मान की अधिकारिणी हो। ईश्वर ने तुम्हें प्रतिभा दी है तो तुमने मेहनत में भी कोई कमी नहीं छोड़ी है। प्रतिभा और साधना का यह सुफल तुम्हारे और हम सबके लिए गौरव की बात है। मैं तो यही कहँगी–और आगे बढ़ो, और बढ़ो।।

इस पथ का उद्देश्य नहीं है श्रांत भवन में टिक रहना।

किंतु पहुँचना उस सीमा पर जिसके आगे राह नहीं।।

मेरी ओर से माता जी तथा पिताजी को बधाई देना! इस शानदार जीत पर लड्डु खाने के लिए कब बुलाती हो। इसकी प्रतीक्षा में

तुम्हारी सखी

रंजना

Answered by kanavjethi16
0

Answer:375, कृष्णनगर

भोपाल

25 मार्च, 2008

प्रिय सुमेधा

मधुर स्मृतिः ।

बहुत-बहुत बधाई हो सुमेधा! मुझे अभी-अभी तुम्हारी सखी नीलिमा का टेलीफोन-संदेश मिला है। पता चला कि तुमने इस वर्ष संपूर्ण दिल्ली के विद्यालयों में सर्वश्रेष्ठ वक्ता होने का सम्मान पाया है।

सुमेधा! मुझे इस समाचार से इतनी प्रसन्नता हुई है कि खुशी मन में नहीं समा रही। इसलिए सब काम छोड़कर तुम्हें बधाई लिख रही हूँ। मेरी ओर से हार्दिक बधाई। मेरी मम्मी और पापा भी तुम्हें आशीर्वाद भेज रहे हैं। ईश्वर करे तुम्हारी यह कला दिन दुगुनी रात चौगुनी वृद्धि करे। तुम सचमुच इस सम्मान की अधिकारिणी हो। ईश्वर ने तुम्हें प्रतिभा दी है तो तुमने मेहनत में भी कोई कमी नहीं छोड़ी है। प्रतिभा और साधना का यह सुफल तुम्हारे और हम सबके लिए गौरव की बात है। मैं तो यही कहँगी–और आगे बढ़ो, और बढ़ो।।

इस पथ का उद्देश्य नहीं है श्रांत भवन में टिक रहना।

किंतु पहुँचना उस सीमा पर जिसके आगे राह नहीं।।

मेरी ओर से माता जी तथा पिताजी को बधाई देना! इस शानदार जीत पर लड्डु खाने के लिए कब बुलाती हो। इसकी प्रतीक्षा में

तुम्हारी सखी

रंजना

Explanation:

Maalum hai na

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