Hindi, asked by manatkari, 7 months ago

आपके नाना-नानी तीर्थ यात्रा हेतु कैलाश मानसरोवर जा रहे है, उन्हे शुभकामना-पत्र लिखिये.​

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Answered by HarshAditya098
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Answer:

भोलेनाथ के भक्त और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मानसरोवर यात्रा पर हैं. राहुल ने कहा कि कैलाश मानसरोवर वही जा पाते हैं, जिसके लिए बुलावा आता है. कैलाश मानसरोवर को हिंदू धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में एक माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि भोलेनाथ यहीं निवास करते हैं और उनके दर्शन के लिए भक्त दूर-दूर से कठिन रास्ता तय करते हुए यहां चले आते हैं. Also Read - पीएम मोदी का तेजस्वी-राहुल पर तंज, उप्र के ‘डबल-डबल युवराज’ की तरह होगा हाल

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कैलाश मानसरोवर तिब्बत की पर्वत श्रेणी कैलाश पर है. कैलाश के पश्चिमी हिस्से में मानसरोवर है और दक्षिणी हिस्से में रक्षातल झील. यहां तक पहुंचने का रास्ता हिमालय की चोटियों के बीच से होकर निकलता है. Also Read - राहुल गांधी का PM मोदी पर हमला- पहली बार दशहरा में 'रावण' नहीं, प्रधानमंत्री का पुतला जलाया गया

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वहां पहुंचने का एक रास्ता उत्तराखंड से होकर जाता है और दूसरा नेपाल की राजधानी काठमांडू से. उत्तराखंड से जाने वाला रास्ता थोड़ा ज्यादा कठिन है, क्योंकि यह रास्ता पैदल का है और बहुत ज्यादा चलना पड़ता है. काठमांडू से रास्ता थोड़ा आसान है. शिव भक्तों के लिए जून से सितंबर तक यह रास्ता खुला रहता है.

कैलाश मानसरोवर के बारे में कुछ रोचक और आश्चर्यजनक बातें आपको भी मालूम होनी चाहिए:

1. जिस पर्वत ‘कैलाश मानसरोवर’ चीन में स्थित है. दरअसल, यह पर्वत तिब्बत में है और तिब्बत चीन के अधीन है.

2. अगर आपको लगता है कि कैलाश मानसरोवर सिर्फ हिन्दुओं का तीर्थ है, तो आप गलत हैं. क्योंकि यह चार धर्मों तिब्बती बौद्ध और सभी देश के बौद्ध धर्म, जैन धर्म और हिन्दू का आध्यात्मिक केन्द्र है.

3. जिस तरह भारतीय मानते हैं कि कैलाश मानसरोवर में भगवान शंकर का निवास है उसी तरह तिब्बत के लोग मानते हैं कि यहां बौद्ध भगवान बुद्ध तथा मणिपद्मा का निवास करते हैं.

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4. वहीं जैनियों की मान्यता है कि आदिनाथ ऋषभदेव का यह निर्वाण स्थल ‘अष्टपद’ है. कहते हैं ऋषभदेव ने आठ पग में कैलाश की यात्रा की थी.

5. हिन्दू धर्म के अनुयायियों की मान्यता है कि कैलाश पर्वत मेरू पर्वत है. यह पर्वत ही इस ब्राह्मंड की धूरी है. यही भोलेनाथ निवास करते हैं. यहां देवी सती का दाहिना हाथ गिरा था. यहां शक्तिपीठ है.

6. वहीं सिख धर्म के अनुयायी मानते हैं कि गुरु नानक देव ने यहां रुककर ध्यान किया था. इसलिए सिखों के लिए भी यह पवित्र स्थान है.

7. इस अलौकिक जगह पर प्रकाश तरंगों और ध्वनि तरंगों का अद्भुत समागम होता है, जो ‘ॐ’ की प्रतिध्वनि करता है.

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Answered by kanishkgupta07057
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