आपके पिता जी का तबादला हो गया है। इस बात की सूचना देते हुए मित्र को पत्र लिखिए।
Answers
Explanation:
सेवा में,
श्रीमान् प्रधानाचार्य,
राजकीय बाल विद्यालय,
आनन्द पर्वत,
दिल्ली।
विषय: विद्यालय छोड़ने पर प्रमाण पत्र हेतु।
महोदय,
मैंने इसी वर्ष आपके विद्यालय से सातवीं कक्षा की परीक्षा उत्तीर्ण की है। मेरे पिता जी भारत सरकार के कार्यालय में अधिकारी हैं। उनका स्थानान्तरण दिल्ली से देहरादून हो गया है। हमारा सारा परिवार दिल्ली से जा रहा है। हमारे विद्यालय में छात्रावास (होस्टल) की भी कोई व्यवस्था न होने के करण मेरा यहाँ पर अकेले रहकर पढ़ पाना असम्भव है।
आप से अनुरोध है कि मुझे ‘विद्यालय छोड़ने का प्रमाण पत्र’ देकर कृतार्थ करें। जिससे मैं देहरादून जाकर किसी अच्छे विद्यालय में प्रवेश ले सकूं। मैंने विद्यालय की पुस्तकें लौटा दी हैं और मुझ पर किसी प्रकार का शुल्क बकाया नहीं है।
धन्यवाद।
आपका आज्ञाकारी शिष्य
Answer:
227/4 गोमतीपुरा अपार्टमेंट
गोविन्द नगर,कानपुर-208025
दिनांक: 10 जुलाई, 2020
प्रिय मित्र धीरू शुक्ल,
नमस्कार।
हमलोग यहाँ सकुशल हैं तथा आशा करते हैं तुम भी सवस्थ और सकुशल होगे। तम्हारा पत्र कई दिनों से नहीं मिला। तुमसे फोन पर बात करना तो सपनों की बात लगती है। शशांक तुम्हारे पिता जी ने तम्हे छात्रावास क्या भेजा, लगता है वनवास भेज दिया। खैर, उन्होंने तुम्हारे भविष्य को ध्यान में रख कर निर्णय लिया होगा। यहाँ हम सब मित्र तो क्या गुरु जी भी तुम्हें याद करते हैं। विशेषकर तुम्हारी चुलबुली शरारतें कैसे भूली जा सकती हैं।
शशांक तमने छात्रावास के कड़े अनुशाशन में बहुत कुछ सीखा होगा। शायद तुम्हें पता हो की एक प्रसिद्द समाचारपत्र ने ‘कितनी आज़ादी, कितना अनुशाशन’ के विषय पर छात्रों के विचार आमंत्रित किये हैं। प्रथम, द्वितीय, और तृतीय स्थान प्राप्त करने वालों को पुरुस्कृत भी किया जायेगा। मुझे लगता है की तुम्हें इसमें अवश्य भाग लेना चाहिए। तुम्हें आज़ादी और अनुशाशन पर भाषण देना पसंद भी है और तम्हारे लेखन कला के तो सभी कायल हैं। तुम्हारे विचारों से सभी को नए ढंग से सोंचने समझने का मौका भी मिलेगा।
और सुनाओ नया क्या चल रहा है? नए मित्रों से कैसी बनती है? मैं तो बस तम्हारी छुट्टियों का इंतज़ार कर रहा हूँ।
शेष कुशल।
पत्र के ज़वाब की प्रतीक्षा में,
तुम्हारा मित्र
आशु सचान