English, asked by aimen789, 9 months ago

आपके पिताजी शहर से बाहर गए हैं व्हाट्सएप के माध्यम से हुई बातचीत लिखिए​

Answers

Answered by Anonymous
3

Explanation:

एक तरफ़ अनीता ख़ुश हैं कि स्कूल बंद होने पर भी बेटे की पढ़ाई हो रही है तो दूसरी तरफ़ उन्हें ये भी चिंता है कि बच्चे को चार से पांच घंटे मोबाइल लेकर बैठना पड़ता है.

वो कहती हैं कि वैसे तो कहा जाता है कि बच्चों को मोबाइल से दूर रखें लेकिन अभी बच्चे को पढ़ाई के लिए ही मोबाइल इस्तेमाल करना पड़ रहा है. उसके बाद वो टीवी भी देखता है तो उसका स्क्रीन टाइम बढ़ गया है. इसका बच्चे की सेहत पर क्या असर होगा.

आजकल माता-पिता कुछ ऐसी ही दुविधा से दो-चार हो रहे हैं. बच्चे को पढ़ाना भी ज़रूरी है लेकिन उसकी सेहत भी अपनी जगह अहम है. साथ ही बच्चा कितना समझ पा रहा है ये भी देखना ज़रूरी है.

दरअसल, कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते मार्च से ही स्कूल बंद कर दिए गए हैं. इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि स्कूल कब से खुलेंगे और नया सिलेबस कब शुरू हो पाएगा.ऐसे में ऑनलाइन क्लासेस देकर बच्चों को नया सिलेबस पढ़ाना शुरू हो चुका है. स्कूलों का ये भी कहना है कि ऑनलाइन क्लासेस में जो सिलेबस कराया गया है वो बाद में नहीं दोहराया जाएगा.

बच्चों का स्कूल की तरह ही टाइम टेबल बनाया गया है. बच्चों की कक्षाएं सुबह 8:30-9:00 बजे से शुरू हो जाती हैं और चार से पांच घंटे चलती हैं. हर विषय की कक्षा 40 से 45 मिनट तक चलती है और हर कक्षा के बाद 15 मिनट का ब्रेक दिया जाता है.

बच्चे ये क्लासेस मोबाइल या लैपटॉप पर वीडियो कॉल के ज़रिए ले रहे हैं जिससे उन्हें एक लंबे समय तक स्क्रीन देखनी पड़ती है और उनका स्क्रीन टाइम बढ़ जाता है.

डॉक्टर कहते हैं कि बच्चों के लंबे समय तक मोबाइल या लैपटॉप के संपर्क में रहने से मानसिक और शारीरिक तौर पर असर हो सकता है.

ये असर क्या हो सकता है इससे पहले जानते हैं कि स्क्रीन टाइम क्या होता है. स्क्रीन टाइम का मतलब होता है कि बच्चा 24 घंटों में कितने घंटे मोबाइल, टीवी, लैपटॉप और टैबलेट जैसे गैजेट के इस्तेमाल में बिताता है.

hope it helps you dear friend ❤❤

Similar questions