आपका पसंदीदा समाज मनोविज्ञान का प्रयोग कौन सा है जो आपने पढ़ा या किया हो?
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किस प्रकार का पता नही लेकिन हर घटना में मनोविज्ञान होता है। ये घटना एक सत्य प्रयोग पर है।
दो अच्छे मित्र होते हैं जिनके और भी अच्छे मित्र होते हैं। दसवीं कक्षा के छात्र होते हैं। एक मित्र पढ़ाई में ज्यादा रुचि रखता है दूसरा धार्मिक कार्यो में। एक दिन धार्मिक मित्र ने अपने घर आये हुए पढ़ाकू मित्र को बताया कि आज कल वह लोगों को सम्मोहित करने वाली किताब पढ़ रहा है। उसमे ऐसी शक्ति आये इसके लिए वो किताब में दिये गये प्रायोग सिद्ध कर रहा है। उसने बताया कि आजकल वो सूरज से आंख मिलाता है। पढ़ाकू मित्र बोला कि इससे तो तुम अंधे हो जाओगे लेकिन वो इस बात को इग्नोर कर गया।
फिर सम्मोहन की प्राप्ति में लगे मित्र ने अपने मित्र को बताया कि वह उस पर प्रयोग करना चाहता है। उसे लगता है कि अब उसमे ये टैलेंट आ चुका है। घर में कोई था नही तो उसे किसी बात का डर भी नही था प्रयोग करने में। पढ़ाकू मित्र ने मित्र धर्म निभाने के लिए हामी भर दी। उस मित्र ने प्रयोग आरम्भ किया।
उसने पढ़ाकू मित्र के सामने वही पेंडुलम लेफ्ट से रायट और रायट से लेफ्ट किया जैसे टीवी पर दिखाया जाता है। कुछ देर बाद उसने पढ़ाकू मित्र को एक ही स्थान पर ध्यान केंद्रित करने को कहा। और फिर थोड़ी देर बाद धीरे धीरे आंख बंद करने को कहा। उसके कुछ देर तक उसने पढ़ाकू मित्र से कुछ ऐसे सवाल किये जिससे उसे यकीन हो जाये कि पढ़ाकू मित्र उसके वशीभूत हो गया है। उसने पढ़ाकू मित्र से पूछा कौन से नाम स्कूल में उसके प्रिय मित्र हैं और क्यों हैं, वो किसे अपना अच्छा मित्र मानता है। फिर उसने कुछ अध्यापको के विषय में पढ़ाकू मित्र के विचार सुने। फिर अपने प्रयोग को शत प्रतिशत सफल मानने के लिए उसने एक अंतिम प्रयोग किया। अब तक के प्रयोग में ऐसे कई अवसर आये जब पढ़ाकू मित्र ने उसके सवाल का जवाब देने से इंकार करना चाहा लेकिन वह अपने मित्र के वशीभूत था इसलिए उसके आदेश पर उसे जवाब देना पड़ा। इस अंतिम प्रयोग में भी पढ़ाकू मित्र ने कई बार उसके आदेश पालन करने से मना किया लेकिन निरर्थक। पढ़ाकू मित्र को अपने को सलमान खान की तरह शर्ट उताड़ने से लेकर नेकेड टार्ज़न बनना पड़ा। फिर सम्मोहन सिद्धि प्राप्त करने के अंतिम प्रयोग करने के बाद पढ़ाकू मित्र को पूर्वावस्था में आने का आदेश दे कर उसने धीरे धीरे आखें खोलने को कहा। लेकिन पढ़ाकू मित्र आंख खोलने में असमर्थ था। कुछ देर के आदेशात्मक प्रयास के बाद पढ़ाकू मित्र ने अपनी आंखें खोल दी। सम्मोहन सिद्धि प्राप्त मित्र ने पढ़ाकू मित्र से तसल्ली करने के लिए पूछा कि उसे कुछ याद है। पढ़ाकू मित्र ने पूर्ण अनभिज्ञता जताते हुए बताया कि उसे बस ऐसा लगा वो सोकर उठा है। इतना सुनते ही सम्मोहन सिद्धि प्राप्त मित्र ने रोमांचित होते हुए चिल्लाकर कहा - ओह माई गॉड, मैं सफल हो गया अपने प्रयोग में।
सम्मोहन का तो पता नही लेकिन मनोविज्ञान ये है कि पढ़ाकू मित्र आंख बंद करने से पूर्व तक उतना ही सामान्य था जितना लोग सामान्य रूप से होते हैं। आंख बंद करने से लेकर आंख खोलने तक पढ़ाकू मित्र अपना मनोवैज्ञनिक प्रयोग कर रहा था। अपने प्रयोगी मित्र के ऊपर वो अपना प्रयोग कर रहा था जो सफल भी हुआ। लेकिन उसने अपने मित्र को कुछ महीने बाद ये सत्य बताया जब वो किसी अन्य मित्र को अपने सम्मोहन सिद्धि की सफलता के विषय में बता रहा था। बड़ी मुश्किल से उसे यकीन करना पड़ा कि उसका प्रयोग असफल था। फिर कुछ दिनों तक उसने पढ़ाकू मित्र से बात नही किया।