आपकी राय में, क्या उदारीकरण के दूरगामी लाभ उसकी लागत की तुलना से अधिक हो जाएँगे? कारण सहित उत्तर दीजिए।
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भारतीय अर्थव्यवस्था का भूमंडलीयकरण प्राथमिक तौर पर उदारीकरण की नीति की वजह से हुआ है
जो की 1980 के दशक में शुरू हुई | उदारवादिता में कई नीतियां है जैसे सरकारी विभागों का निजीकरण , विदेशी वस्तुओ के आयत शुल्क में कमी करना, विदेशी कंपनी को भारत में उद्योग की दृष्टि से स्थापित करना | इससे समाज में जरथिक संवृद्धि और समृद्धि आएगी | कई लोगों का मत है उदारीकरण का भारतीय परिवेश पर प्रतिकूल असर ही हुआ है हांलाकि , उदारीकरण का असर मिश्रित रहा है की विदेशी पूँजी के निवेश से आर्थिक विकास होता है और रोजगार बढ़ते है | भारत के उदारीकरण के बाद के बाज़ारी परिवेश में जो भूमंडलीयकरण का अभिन्न हिस्सा भी है | ऐसे तमाम तरीके और प्रणालियाँ है जो चीज़ो , सेवाओं , सांस्कृतिक प्रतीकों, पूँजी को बाज़ारी माहौल में प्रवेश दिलाती है|
- व्यावसायिक गतिविधियों के पैमाने तय करने में स्वतंत्रता
- व्यावसायिक गतिविधियों के विस्तार या संकुचन पर कोई प्रतिबंध नहीं है,
- वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही पर प्रतिबंध को हटाने, वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों को तय करने में स्वतंत्रता
- विदेशी वस्तुएं उपलब्ध होना
- विदेशी निवेश का बढ़ना
- आर्थिक विकास
Note - आज के तेज़ी से बदलते योग में यह समझना आवश्यक है की किस तरह से बाजार निरंतर बदल रहे है और सामाजिक और आर्थिक परिणाम क्या होंगे|
Know More
Q.1.- उदारीकरण को परिभाषित करें ?
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Q.2.- उदारीकरण किसे कहते हैं? बताइए।
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Q.3.- भारत में आर्थिक उदारीकरण पर निबन्ध। Udarikaran par Nibandh
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