India Languages, asked by suhanasalesbag, 1 day ago

आपकी सबसे रोमांचक यात्रा कौन-सी थी और क्यों?​

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Answered by anandm523
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Answer:

मेरे जीवन में अब तक मैंने बहुत बार यात्राएं की,मैं 6 बर्ष की उर्म से यात्राएं कर रहा हूँ।मेरे पिता जी ने मुझे रात रात जागकर पढाने के साथ साथ मुझे दुनियां में घुमाना भी सिखाया।उनका यह मानना है कि जब हम कई अलग अलग यात्राएं करते हैं तो,जो हमारा अनुभव होता है।वो उर्म के हिसाब से कई गुना बढ जाता है।

यात्राओं के दौरान हम जब नई जगहों की नयी नयी तस्वीरें देखते हैं तो वो सारा विवरण हमारी आँखों में कैद हो जाता है।

जिसे हम कभी दिल से याद करके ताजा कर सकते हैं।खासकर जब हम किसी दुःख या समस्याओं से गुजर रहें हों तो वो यादें जो हमने यात्राओं में एकत्रित की थी।हमारा ज्यादातर बोझ हल्का कर देती हैं।

और हमें एक नई शक्ति देती हैं कि उठों,चलो तुम इन समस्याओं से लङ सकते हो,इन्हें हरा सकते हो और फिर से एक नये जीवन की शुरुआत कर सकते हो।

मैं अपनी सबसे यादगार अभी तक की यात्रा की अगर बात करुँ तो वो है रामनगर(नैनीताल) की हम,एक मेरा दोस्त और एक मेरे सर जी हम तीनों लोग दिल्ली स्टेशन पर ट्रेन में बैठे।खास तकलीफ इसलिए नहीं हुई क्योंकि स्लीपर में रिजर्बेशन था।

सुबह करीब 5 बजे का समय था,हम तीनों ट्रेन से नीचे उतरे तो पहाङों की बादियों को देखकर दिल खुश हो गया।उस समय मेरी उर्म 16–17 के बीच की थी।

हम स्टेशन से जैसे ही बाहर निकले तो बाहर हमारे रिजोर्ट की गाङी इंतजार कर रही थी।हम उसमें बैठकर रिजोर्ट पहुँचे।गेट पर जब तक चेक इन हुआ तब तक दो पतली कमर ने आकर हमें बेहतरीन चाए एंव विस्किट खिलाए।चाए बेहतरीन इस लिए हो गई थी,क्योंकि पतली कमर लेकर आई थी।

रिजोर्ट का रुम तो फाईव स्टार होटेल जैसा ही था,पर बाहर प्राकृतिक सुन्दरता की बजह से फाईव स्टार होटेल से बढिया था।रिजोर्ट का नाम इऩफिनिटी रिजोर्ट था।आप भी कभी घुम कर आईये।

उस रिजोर्ट की सबसे बेहतरीन जगह अगर कहूँ तो उसका रेस्टोरेंट और खाने की टेबलें एक ऊँची पहाङी और उसके किनारे टेबलें,नीचे सौकङों फिट नीचे कल कल बहती कोंसी नदी और नदी के उस तरफ हरा भरा जंगल जिसमें से जंगली जानबर निकल पानी पीते और अपनी दहाङ मारकर बापस जंगल में चले जाते।

फिर हम जैसे ही रुम पर आये शाम के करीब 4 बज रहे थे।इन्द्र भगवान की कृपा हुई बारिष होने लगी । हमने अपने कपङे उतारे और नहाने लगे।तब तक हमारी नजर एक आम के पेङ पर पङी जिसमें बङे बङे खूबसूरत आम लगे थे।हमने पके पके आम तोङे और फ्रिजर में ङाल दिये और फिर उन्हें शाम को खाया मजा आ गया।एक दम चिल्ङ आम।

दूसरे दिन हम नैनीताल गये,लगभग 16 कि.मी. की चढाई कभी हम बादलों के नीचे थे और आज हम बादलों से ऊपर थे। बहां हमने ताल में बोङिग की और बहुत सारे मजे किये।बापस रिजोर्ट लौटते बक्त मेरे बिच्छू पेङ ने काट लिया था।जिसका दर्द मुझे दूसरे दिन तक हुआ।

इसके बाद हम रानी खेत और जिम कोर्बेट नेशनल पार्क भी गये,जहां शेरों और हमारे बीच सिर्फ 15–20 फिट दूरी थी।वो भी खुले हुए जंगल के शेर चिङियाघर बाले नहीं।

यह यात्रा इतनी छोटी उर्म में मेरे लिए बहुत यादगार रही।

मुझे उम्मीद है इससे आपको मदद मिली होगी.

make me the brainliest plz.

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