Social Sciences, asked by nzmdnndbdb, 4 months ago

आपके विचार में क्या प्रतिभा पलायन आज के युग की माँग है​

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Answered by rudrabhadoriya99
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बड़े कामों को बड़े शक्ति केंद्र ही संपन्न कर सकते हैं। दलदल में फँसे हाथी को बलवान् हाथी ही खींचकर पार करा पाते हैं। पटरी से उतरे इंजन को समर्थ क्रेन ही उठाकर यथास्थान रखती है। उफनते समुद्र में नाव खेना साहसी नाविकों से ही बन पड़ता है। आज के समाज व संसार की बड़ी समस्याओं को हल करने के लिए स्रष्टा को भी वरिष्ठ स्तर की परिष्कृत प्रतिभाओं की आवश्यकता पड़ती है। प्रतिभाएँ ऐसी संपदाएँ हैं, जिनसे न केवल वे स्वयं भरपूर श्रेय अर्जित करते हैं, वरन् अपने क्षेत्र-समुदाय और देश की अति विकट दीखने वाली उलझनों को भी सुलझाने में वे सफल होते हैं। इसी कारण इन्हें देवदूत-देवमानव-महापुरुष कहा जाता है।

इन दिनों असंतुलन में बदलने के लिए महाकाल की एक बड़ी योजना बन रही है। यह कार्य आदर्शवादी सहायकों में उमंगों को उभारकर उन्हें एक सूत्र में आबद्ध करने से लेकर नियमित सृजनात्मक गतिविधियों-सत्प्रवृत्तियों का मोरचा अनीति-दुष्प्रवृत्ति के विरुद्ध खड़े करने के रूप में आरंभ हो चुका है। इससे वह महाजागरण की प्रक्रिया होगी जो प्रतिभाओं की मूर्च्छना हटाएगी, उन्हें एकाकी आगे बढ़ाकर अग्रगमन की क्षमता का प्रमाण देने हेतु प्रेरित करेगी। नवयुग का अरुणोदय निकट है। सतयुग की सुनिश्चित संभावनाएँ बन रही हैं। प्रतिभा के धनी ही इस लक्ष्य को पूरा कर दिखाएँगे।

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