आपके विचार से क्रोध क्यों नहीं करना चाहिए
Answers
Answer:
अपने दैनिक जीवन में हम अलग-अलग अवसरों पर अलग-अलग कारणों से क्रोध करते रहते हैं । लेकिन यदि हम बाद में ठंडे दिमाग से उस पर सोचते है तो हमें यह अहसास होता है की उस समय हमारा क्रोध करना नादानी थी । हम उस क्षण को बिना क्रोध किए भी संभाल सकते थे । ज्यादातर मामलों में क्रोध करना हमारी ओवर-रिएक्शन (अति-प्रतिक्रिया) होतीं हैं । इसके अलावा क्रोध करने के हमारे जीवन पर कई बुरे प्रभाव भी पड़ते हैं जिनका हम यहां अलग-अलग विश्लेषण करते हैं।
Explanation:
व्यक्ति के स्वास्थ्य पर : -
क्रोध के समय व्यक्ति का बी.पी. लेवल अत्यधिक बढ जाता है जो व्यक्ति के हृदय को नुकसान पहुंचाता है । इस कारण बार-बार तथा ज्यादा क्रोध करना हृदय के लिए नुकसानदायक होता है ।
व्यक्ति के रिश्तों पर :-
जिस व्यक्ति पर क्रोध किया जाता है उससे रिश्तों पर भी प्रभाव पडता है । यदि वह व्यक्ति महत्वपूर्ण है तो उससे रिश्ते खराब होना नुकसानदायक भी हो सकता है ।
व्यक्ति के निर्णयों पर : -
क्रोध में लिये गए निर्णय ज्यादातर गलत होते है । जिसका नुकसान व्यक्ति को बाद में जीवन भर उठाना पड सकता है । और उसको ऐसे निर्णयों का पछतावा जीवन भर रह सकता है ।
व्यक्ति के कार्यों पर :-
क्रोध में व्यक्ति कई बार ऐसे कार्य कर बैठता है जिसकी उसको बाद में भारी कीमत चुकानी पड सकती है । झगड़ा, मारपीट, हत्या जैसे अपराध व्यक्ति क्रोध में ही करता है ।
व्यक्ति की वाणी पर : -
क्रोध में व्यक्ति का भाषा का स्तर अकसर गिर जाता है । और कई बार वह क्रोध में शालीनता की सारी हदें पार करके गाली गलौज पर उत्तर जाता है ।
व्यक्ति की मनोदशा पर : -
क्रोध में व्यक्ति की मनोदशा अर्द्ध-पागल की हो जाती है । उसका अपने संवेगों पर नियंत्रण नहीं रहता है ऐसी स्थिति में वह कुछ भी कर सकता है ।
व्यक्ति के गुण पर : -
क्रोध व्यक्ति का एक अवगुण है । क्रोधी व्यक्ति की लोगों से कम पटती है घर, परिवार तथा कार्य स्थल पर उसको चाहने वाले लोग कम होते है ।