आपके विचार से महिलाओं के बारे में प्रचलित रूढ़िवादी धारणा कि वे क्या कर सकती हैं और क्या नहीं, उनके समानता के अधिकार को कैसे प्रभावित करती है?
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महिलाओं के बारे में प्रचलित रूढ़िवादी धारणा कि वे क्या कर सकती हैं और क्या नहीं, उनके समानता के अधिकार को निम्नलिखित ढंगों से प्रभावित करती है -
(1) ऐसा माना जाता है कि घर के बाहर भी महिलाएं कुछ विशेष प्रकार के कार्य ही अच्छी तरह से कर सकती हैं जैसे कि नर्स और अध्यापिका का काम।
(2) माना जाता है कि विज्ञान के लिए तकनीकी दिमाग की आवश्यकता होती है और लड़कियां तथा महिलाएं तकनीकी काम करने में कुशल नहीं होती।उन्हें पुरुषों से हीन माना जाता है।
(3) अधिकांश परिवारों में पढ़ाई पूरी करने के पश्चात लड़कियों को इस बात के लिए तैयार किया जाता है कि वे विवाह को ही अपने जीवन का मुख्य लक्ष्य माने। लड़कियों को घर का काम सौंपा जाता है।
(4) घर में भी लिंग के आधार पर भेदभाव किया जाता है। माता पिता लड़कियों की अपेक्षा लड़कों से अधिक प्रेम करते हैं ।लड़कियों को अपना करियर और नौकरी चुनने की अनुमति नहीं है। वे कहीं अकेले नहीं जा सकती। उन्हें सीमित अधिकार होते है।
उपरोक्त पाबंदियां महिलाओं के समानता के अधिकार को प्रभावित करती हैं । फलस्वरूप लड़कियों को लड़कों के समान सहयोग नहीं मिल पाता।
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।
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