Hindi, asked by balodiaashok, 8 months ago

आपके विद्यालय से जम्मू - कश्मीर भ्रमण हेतु छात्रों का एक दल जा रहा है। इस यात्रा में शामिल होने के कारणों का उल्लेख करते हुए अपने पिताजी से अनुमति मांगते हुए पत्र लिखिए।​

Answers

Answered by sanjay047
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Explanation:

s 9 Hindi B लेखन कौशल पत्र लेखन

पत्र-एक आवश्यकता

पत्र लेखन दो व्यक्तियों के बीच संवाद स्थापित करने का एक साधन है। प्राचीन समय में भी इसका प्रचलन रहा है। आज भी है, परंतु प्रारूप में परिवर्तन आ गया है।

सूचना-क्रांति के इस युग में मोबाइल फ़ोन, इंटरनेट आदि के प्रचलन से पत्र-लेखन में कमी आई है, फिर भी पत्रों का अपना विशेष महत्त्व है और रहेगा।

अन्य कलाओं की तरह ही पत्र-लेखन भी एक कला है। पत्र पढ़ने से लिखने वाले की एक छवि हमारे सामने उभरती है। कहा गया है कि धनुष से निकला तीर और पत्री में लिखा शब्द वापस नहीं आता है, इसलिए पत्र-लेखन करते समय सजग रहकर मर्यादित शब्दों का ही प्रयोग करना चाहिए।

अच्छे पत्र की विशेषताएँ-एक अच्छे पत्र में निम्नलिखित विशेषताएँ होती हैं-

पत्र की भाषा सरल, स्पष्ट तथा प्रभावपूर्ण होती है।

पत्र में संक्षिप्तता होनी चाहिए।

पत्र में पुनरुक्ति से बचना चाहिए, जिससे पत्र अनावश्यक लंबा न हो।

पत्र में सरल एवं छोटे वाक्यों का प्रयोग करना चाहिए तथा उनका अर्थ समझने में कोई कठिनाई न हो।

पत्र में इस प्रकार के शब्दों का प्रयोग करना चाहिए कि उसमें आत्मीयता झलकती हो।

एक प्रकार के भाव-विचार एक अनुच्छेद में लिखना चाहिए।

पत्र में धमकी भरे शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

पत्र के माध्यम से यदि शिकायत करनी हो तो, वह भी मर्यादित शब्दों में ही करना चाहिए।

पत्र में प्रयुक्त भाषा से आडंबर या दिखावा नहीं झलकना चाहिए।

पत्रों के अंगों आरंभ, कलेवर और समापन में संतुलन होना चाहिए।

पत्र के प्रकार

पत्र मुख्यतया दो प्रकार के होते हैं-

1. अनौपचारिक पत्र-

अनौपचारिक पत्रों का दूसरा नाम व्यक्तिगत पत्र भी है। ये पत्र अपने मित्रों, रिश्तेदारों, निकट संबंधियों तथा उन्हें लिखे जाते हैं, जिनसे हमारा नजदीकी या घनिष्ठ संबंध होता है। इन पत्रों में आत्मीयता झलकती है। इनका कथ्य निजी एवं घरेलू होता है।

Answered by Devrajshubham2007
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