आपले सामाजिक जीवन नियम आचार हरी सब्जी
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पत्तीदार हरी शाक-सब्जियाँ शरीर के उचित विकास एवं अच्छे स्वास्थ के लिए आवश्यक होती है,क्योंकि इसमें सभी जरूरी पोषक तत्व उपस्थित होते हैं ।
भारत में कई तरह की हरी सब्जियों को खाया जाता है, इनमे से कुछ हैं पालक, तोटाकुरा, गोंगुरा, मेथी, सहजन की पत्तियाँ और पुदिना आदि।
पत्तेवाली सब्जियां लौहयुक्त होती हैं । लौह की कमी से एनीमिया जैसी बीमारी हो सकती है, जो गर्भवती स्तनपान करानेवाली महिलाओं में आम है ।
रोज खानेवाले भोजन में हरी पत्तीदार सब्जियों का सेवन एनीमिया को रोकने में सहायक होता है। वह स्वास्थ के लिए लाभदायक भी होता है।
हरी पत्तीदार सब्जियों में कैल्शियम, बीटा कैरोटिन एवं विटामिन सी भी काफी मात्रा में पाये जाते हैं।
भारत में लगभग पांच वर्ष से कम आयुवाले 39,000 बच्चे हर वर्ष विटामिन ए की कमी से अन्धेपन का शिकार हो जाते हैं। हरी पत्तीदार सब्जियों में उपस्थित कैरोटिन शरीर में विटामिन ए में परिवर्तित हो जाता है, जिससे अन्धेपन को रोका जा सकता है ।
हरी सब्जियों में विटामिन सी को बचाये रखने के लिए उन्हें ज्यादा देर तक पकाना अनुचित है, क्योंकि पोषक तत्व जो मसूड़े को शक्ति प्रदान करते हैं, अधिक पकाने से नष्ट हो जाते हैं।
हरी सब्जियों में विटामिन बी कॉम्पलेक्स भी पाया जाता है।
हरी पत्तीदार सब्जियाँ प्रतिदिन वयस्क महिलाओं के लिए 100 ग्राम, वयस्क पुरुषों के लिए 40 ग्राम, स्कूल न जान वाले बालकों के लिए (4-6 वर्ष) 50 ग्राम और 10 वर्ष से अधिक उम्र वाले बालक-बालिकाओं के लिए 50 ग्राम प्रतिदिन आवश्यक है।
Explanation:
लौह की कमी से एनीमिया जैसी बीमारी हो सकती है, जो गर्भवती स्तनपान करानेवाली महिलाओं में आम है । रोज खानेवाले भोजन में हरी पत्तीदार सब्जियों का सेवन एनीमिया को रोकने में सहायक होता है। वह स्वास्थ के लिए लाभदायक भी होता है। हरी पत्तीदार सब्जियों में कैल्शियम, बीटा कैरोटिन एवं विटामिन सी भी काफी मात्रा में पाये जाते हैं।