Hindi, asked by aryanniki028, 1 month ago

आपने अपना जन्मदिन किस प्रकार मनाया क्या-क्या किया उसका वर्णन अपने शब्दों में कीजिए​

Answers

Answered by ojaskukreti221
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Answer:

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Explanation:

लॉकडाउन के बीच जन्मदिन मनाना अच्छा नहीं है, पर कुछ लोग शांति के साथ इसे मना रहे हैं। मीम बनाने वाले लोगों ने भी इस स्थिति का फायदा उठाया है। ऑनलाइन वायरल हो रहे कई सारे मीम्स के चलते इंटरनेट का उपयोग करने वाले लोग भी इसका आनंद उठा रहे हैं। हालांकि अप्रैल में जन्मे लोगों के लिए भी यह समय कुछ ऐसा ही रहने वाला है।

दादी ने बनाया केक

मुंबई के एक कंटेंट राइटर श्रेय सहजवानी कहते हैं, ‘इस बार मेरे जन्मदिन पर दादी ने कुछ टी केक बनाए और मैंने उन्हें काट कर अपना जन्मदिन मनाया। इसके बाद 9 बजकर 9 मिनट पर शहर के सभी लोगों ने मोमबत्तियां जलाईं। ऐसा लग रहा था कि पूरा देश मेरा जन्मदिन मना रहा है।'

Answered by prakashakash802
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Answer:

प्रस्तावना:

पिछले रविवार को मेरा जन्म-दिन था । यद्यपि सामान्यतया मैं रात को देर पढ़ता हूँ और सुबह देर से सोकर उठता हूँ । लेकिन पिछले रविवार को मैं बड़े सवेरे उठ गया । हर वर्ष मैं अपने जन्मदिन पर विशेष कार्यक्रम मनाता हूँ । सारा दिन बड़ा व्यस्त रहता है और हंसी-खुशी से बीतता है ।

आमंत्रित मित्र:

मेरे बहुत से दोस्त है । मैं हर वर्ष एक नया दोस्त बनाता हूँ । पिछले रविवार को मेरा सोलहवां जन्मदिन था । इसलिए मैंने अपने जन्मदिन समारोह के लिए सोलह मित्रों को निमंत्रित किया ।

मेरा नया संकल्प:

पिछले रविवार को समाप्ति हुए समूचे वर्ष का मैंने जायजा लिया । मैंने पाया कि पिछला वर्ष मैंने यों ही गवा दिया और मैंने कोई नया काम नहीं किया । अत, मैंने सकल्प किया कि में इस जन्मदिन से अपने में परिवर्तन लाऊँगा और इस वर्ष को एक बेहतर वर्ष बनाने के लिए जान लगा दूंगा ।

इस संकल्प को ध्यान में रखकर मैने अपनी दैनिक दिनचर्या का एक टाइम-टेबल बनाया । इसमें रात को जल्दी सोने और प्रात: जल्दी जागने की व्यवस्था थी । मैंने पक्का इरादा किया कि अब मैं पूरे वर्ष तक इसी टाइम-टेबल के अनुसार चलूंगा । मुझे इस समय यह कहते हुए बड़ा हर्ष हो रहा है कि जब से मैंने अपने टाइम-टेबल को पूरे तौर पर निभाया है और कहीं चूक नहीं की है ।

समारोह का कार्यक्रम:

प्रात: उठते ही मैंने अपने गाता-पिता के पैर छुए और उन्होंने मुझे समृद्ध और दीर्घ जीवन का आशीर्वाद दिया । इसके बाद नहा-धोकर मां-बाप के साथ मैं मंदिर गया । मंदिर में पिता जी ने प्रसाद चढ़ाया और हम लोग घर लौटे । घर लौटकर कुल देवताओं के समक्ष माता-पिता ने पुन: पूजन किया और मेरे मस्तक पर रोली-चावल से तिलक लगाया । अब मैं निपट कर अपने ड्राइगरूम में मित्रों की प्रतीक्षा करने लगा ।

शनिवार को ही मैंने मित्रों को 10 बजे प्रात: घर आने का निमन्त्रण दे दिया था । थोड़ी देर में एक-एक, दो-दो करके मित्रों से ड्राइंगरूम भरने लगा । मेरे छोटे भाई-बहिनों ने ड्राइंगरूम को खूब सजा रखा था । मित्र आ-आकर मुझे बधाई देते और मैं उन्हें धन्यवाद देता । हम सभी खूब हंसी-मजाक कर रहे थे । वे मेरे लिए छोटे-छोटे सुन्दर उपहार लाए थे । मैंने कृतज्ञता दिखाते हुए उपहार स्वीकार किये ।

कुछ लड़कों ने बड़े सुरीले सुरों में गाना गाया । मेरी छोटी बहन ने की, पर एक मधुर धुन सुनाई, जिसे सभी ने बहुत पसन्द किया । बीच-बीच में चाय-नाश्ते का दौर चलता रहा । तब तक भोजन तैयार हो गया था । मेरी माताजी ने कई तरह की सब्जियाँ, पकौडे, दही-भल्ले आदि बनाए थे । कुछ मिठाइयाँ बाजार से मगा ली गईं । हम सबने हँसते-बोलते भोजन किया । भोजन की समाप्ति के बाद मित्र विदा हो गए ।

शाम को पिताजी व माताजी ने अपने मित्रो और सहेलियों को बुला रखा था । उस समय एक बड़ा-सा केक सजाया गया, जिसमें 16 मोमबत्तियाँ बुझा दीं । सभी ने जोरों से तालियों पीटकर हर्षस्वनि की और ‘हैपी बर्थ डे टू यू’ के नारे लगाये । मैंने केक का पहला टुकड़ा अपनी माताजी को व दूसरा अपने पिताजी को दिया ।

उपसंहार:

मैं जल्दी-जल्दी कपड़े बदलकर सोने की तैयारी करने लगा, क्योंकि आज से ही मैं अपना टाइम-टेबल अपनाना चाहता था । मेरी माँ को जल्दी सोते देख बड़ा आश्चर्य हुआ । लेकिन जब मैंने उन्हें अपने नए संकल्प की बात बताई, तो वे बडी खुश हुईं और उन्होंने मुझे अपने संकल्प पर डटे रहने के लिए प्रोत्साहित किया । अगली सुबह मैं संकल्प के अनुसार जल्दी उठकर दैनिक कार्यक्रम में लग गया ।

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