Hindi, asked by karthikeyan27051978, 9 months ago

आपने इस लेख में एक बस की यात्रा के बारे में पढ़ा। इससे पहले भी आप
एक बस यात्रा के बारे में पढ़ चुके हैं। यदि दोनों बस-यात्राओं के लेखक
आपस में मिलते तो एक-दूसरे को कौन-कौन सी बातें बताते? अपनी कल्पना
से उनकी बातचीत लिखिए।​

Answers

Answered by Hemalathajothimani
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Explanation:

ANSWER:

यहाँ लेखक का आशावादी व्यक्तित्व सामने आता है। जहाँ तक लेखक ने अपने व्यक्तिगत अनुभवों का वर्णन किया है, लेखक ने धोखा भी खाया है। पर उसका मानना है कि अगर वो इन धोखों को याद रखेगा तो उसके लिए विश्वास करना बेहद कष्टकारी होगा और इसके साथ-साथ ये उन लोगों पर अंगुली उठाएगा जो आज भी ईमानदारी व मनुष्यता के सजीव उदाहरण हैं। यहीं लेखक का आशावादी होना उजागर होता है और उन्हीं लोगों का सम्मान करते हुए उनकी उपेक्षा नहीं करना चाहता जिन्होनें कठिन समय में उसकी मदद की है। सही मायने में यह बात एकदम उचित है और यही कारण है कि वो अभी भी निराश नहीं है।

Answered by askaushal20090803
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Answer:

दोनों बस यात्राओं के लेखक इस प्रकार बातचीत करते

हरिशंकर-भाई हजारीप्रसाद, आपने कभी ऐसी बस-यात्रा की, जिसमें कष्ट झेलने पड़े हों?

हजारीप्रसाद-नहीं, हम तो कल ही बस-यात्रा से आये। बस बीच रास्ते में भले ही खराब हो गई, परन्तु कंडक्टर ने हमारी सहायता की और दूसरी बस लाकर हमें गन्तव्य तक पहुँचाया।

हरिशंकर-हमारे साथ तो बुरा हुआ! वह ऐसी खटारा बस थी, जिसमें छः घण्टे का सफर बड़ी कठिनाई से पूरा हुआ। हमारी बस सारे रास्ते खराब होकर रुकती रही, जिससे सारा शरीर टूट रहा है।

हजारीप्रसाद-हमारे साथ तो ईमानदारी और इन्सानियत का आचरण किया गया। हमारी बस-यात्रा ठीक रही।

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