आपनेलॉकडाउनके दौरानक्यानयाबनानासीखा,(100-150)शब्दोंमेंएकअनुच्छेदके रूप
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लॉकडाउन के दौरान मैंने बहुत कुछ बनाना सीखा।
सबसे पूर्व, मैं जो एक मामूली से चाय भी बना नहीं सकता था, वह पहले बनना सीखा। वैसे तो चाय बनना मैं थोड़ा जल्दी से सीख गया।
फिर मैंने मैगी बनना सीखा। पहले मेरे दोस्त मुझ पर हँसा करते थे। अब मैं भी मैगी बनना सीख गया। अब वे मुझ पर मजा़क नहीं बना पाएँगे। जैसे जैसे लॉकडाउन बढ़ता चला गया, वैसे वैसे मैं बहुत कुछ बनना सीख गया। मैं लेकिन इतना जल्दी सब कुछ नहीं सीख पाया था। धीरे धीरे करके लॉकडाउन खत्म होते होते मैं सीख गया।
मैं तो अभी आलू की सब्ज़ी, रोती, पराठे, बैंगन के सब्ज़ी, दाल, चावल, दही, गुलाब जामुन, मटर के सब्ज़ी, आम के हल्वा, पकोड़े, जलेबी, लडडू, गाजर के हल्वा, मटन, समोसा, रस गुल्ला, साऊमीन, मोमो, पुरी, और बहुत कुछ बननाने में निपुण हो गया। लजींस खाने के अलावा मैंने कुछ वस्तु भी बनना सीखा। मैंने लकड़ी के खिलौने, तेबल, ढक्कन, आदि बनना सीखा। मैंने लजींस खाना अपने मम्मी और मौंसी से सीखा। फिर मेरे दादाजी ने मुझे लकड़ी के वस्तु बनना सीखाया। यह तो मेरे पहले वाले लॉकडाउन में सीखी बातें थी। अब इस बार में फिर से कुछ और नए चीज़ सीखूँगा।।