आपने मेल बाजार आदि मे हाथ से बनी चीजो को बिकते देखा होगा । आपके मन मे किसी चीज को बनाने की कला सीखने की इच्छा हुई हो और आपने कोई कारीगरी सीखने का प्रयास किया हो तो उसके विषय मे लिखिए ।
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हाथ से बने कांच की प्लास्टिक की खाली बोतलों से बने फूलदान
आपने मेल बाजार आदि मे हाथ से बनी चीजो को बिकते देखा होगा । आपके मन मे किसी चीज को बनाने की कला सीखने की इच्छा हुई हो और आपने कोई कारीगरी सीखने का प्रयास किया हो तो उसके विषय मे लिखिए ।
हाँ जी मैंने मेले बहुत सारी हाथ से बनी चीजों को बिकते देखा है | एक बार हम सारे दोस्त मिलकर हिमाचल के गाँव में मेला देखने गए | मेले हमने देखा बहुत सारे व्यापरी ईएसआई चीज़े बेच रहे थे, जो हाथ से बनी थी | उन्होंने खाली बोतलों से फूलदान बनाए थे घर की सजावट के लिए जो की बहुत सुन्दर लग रहे थे |
हम उस कारीगर के पास गए और हमने उससे कांच की प्लास्टिक की खाली बोतलों से फूलदान बनाना सीखे | यह बहुत आसन थे और इसमें खर्चा भी है | जो बोतले इस्तेमाल कर ली है उसके बाद उसके फूलदान बना लिए है |
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पिछले वर्ष मैं अपने सहपाठियों के साथ सूरजकुंड के मेले मे गया। वहाँ मैंने धागे व ऊन से निर्मित सुंदर-सुंदर छाते देखे। उन्हें देखकर ऐसा लगा कि ये बनने में बहुत ही आसान हैं। उन छातों को बेचने वाली स्त्रियाँ वहीं बैठकर और छाते भी बना रही थीं।
घर आकर मैंने भी खूब ऊन व धागे एकत्रित किए। बडे-बड़े तिनकों का भी प्रबंध कर लिया। लेकिन जब बनाने का प्रयास किया तो पूरी तरह सफलता न मिली और माँ की यही बात सुननी पड़ी कि ‘जिसका काम उसी को साजे।’