Hindi, asked by hardeepsingh04795, 10 months ago

आपने पह‌‌‌ली बार मंच पर कविता पा‌‌‌‌ठ किया।अपने उस अनुभंव काे‌ बताते हुए अपने‌ मित्र काे पत्र लिखे।​

Answers

Answered by suraj08sr410
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Answer:

नमस्कार प्रिय मित्रों आपका उत्तर कुछ इस प्रकार है।

Explanation:

बिहारी रोड हिलसा

आशुतोष हाउस

मकान नंबर 8

दिनांक 23 जून 2021

तुम कैसे हो? मैं यहां कुशल मंगल हूं आशा करता हूं कि तुम भी कुशल मंगल होगे

मुझे तुम्हारा पत्र मिला और यह जानकर खुशी हुई कि तुम मेरी पहली मनसे कविता के अनुभवों के बारे में पूछा था इस पत्र में तुम्हारे उस प्रश्न का उत्तर देने जा रहा हूं।

आज मंगलवार 20 जून 2021 आज हमारे क्षेत्र में एक कवि सम्मेलन होना है जिससमे मे बड़े-बड़े कवी तुलसीदास, सूरदास कबीर दास जैसे अनेक बड़े-बड़े कभी यहां पर पधारने वाले हैं कवि सम्मेलन ठीक शाम 6:00 बज कर 30 मिनट पर शुरू हो जाएगा हमारे कस्बे के लोगों द्वारा अनुरोध करने पर मैंने भी उस कवि सम्मेलन भाग लेने की सोची और उसमें एक कविता लिखकर प्रस्तुत किया जिसका नाम कोशिश कर हल निकलेगा है यह कविता लगभग 4 पंक्तियों में लिखा गया है उसी को मैंने इन सभी महा कवियों के बीच प्रस्तुत किया और सभी दर्शकों ने जब इसे सुना दो वो जोश में आ गए और खूब सारे तालियां बजी वहां पर मौजूद अन्य कवि एक के बाद एक अपनी कविता को लेकर मंच पर गए और सभी ने अपनी कविता प्रस्तुत की जब मेरी बारी आई तो मुझे अंदर से घबराहट होने लगी ऐसा लगने लगा कि ना जाने मैं कैसा गाऊंगा और मेरे बारे में सभी कैसा सोचेंगे मेरे मन में अनेकों प्रश्न उठने लगे और जल्दी ही मेरी बारी आ गई घबराते हुए मैं अपनी कदमों को आगे बढ़ाया और मंच पर चढ़ा जैसे तैसे मैंने हिम्मत जुटाकर अपनी कविता शुरू की अभी मैंने कविता के दो पंक्ति हैं पढ़ पाया था कि सभी दर्शकों ने तालियां बजाना शुरू कर दिया और वहां पर बैठे अन्य अतिथि भी मेरे द्वारा पठित कविता से प्रभावित होकर तालियां बजाने लगी उन सभी में से एक दर्शक ने खड़े होकर मुझसे कहा कि इस कविता को मैं एक बार फिर पढ़ो क्योंकि यह शायद उन्हें जोश, हिम्मत, और अंदर के इंसान में कुछ करने की भावना को जगा रहा था उनके कहे अनुसार मैंने दोबारा इस कविता को पड़ा जल्द ही पुरस्कार वितरण शुरू हुआ जिस जिस कवियों ने अपनी कविता से जजों को प्रभावित किया उनके अनुसार उन्हें पुरस्कृत किया गया मैं भी उन सभी में से एक था और मुझे प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया मेरे खुशी का तो ठिकाना ना रहा उस दिन के बाद मैंने कई सारी कविताएं लिखी और उसे कई जगह पर गाया भी अभी मैं बिहारशरीफ में होने वाली कविता सम्मेलन की तैयारी में जुटा हूं वह आज से ठीक एक महीने बाद शुरू होने पर जा रही है। अच्छा अब मैं अपनी वाणी को विराम देता हूं मुझे अपनी समाचार पत्रों के माध्यम से देते रहना। आशा करता हूं कि तुम्हारी इस प्रश्न का उत्तर देने में सक्षम हो अगर और भी कोई प्रश्न तुम्हारे मन में उठ रहा हूं तो वह मुझे पत्र के माध्यम से जरूर भेजना ।

अपनी सेहत का ख्याल रखना और मैं दवाई तथा भोजन का विशेष ध्यान रखना ।

तुम्हारा प्रिय मित्र

सूरज

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