Hindi, asked by bhaleraoneha67, 5 months ago

आपने सुनी हुई एक अफवाह अपने भाषा में लिखिए ।​

Answers

Answered by nasiransari986737682
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Explanation:

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में कहा, "इस रविवार, यानी 22 मार्च को, सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक, सभी देशवासियों को, जनता-कर्फ़्यू का पालन करना है. ज़रूरी ना हो तो घरों से बाहर ना निकले. हमारा ये प्रयास, हमारे आत्म-संयम, देशहित में कर्तव्य पालन के संकल्प का एक प्रतीक होगा. 22 मार्च को जनता-कर्फ़्यू की सफलता, इसके अनुभव, हमें आने वाली चुनौतियों के लिए भी तैयार करेंगे."

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में कहा, "इस रविवार, यानी 22 मार्च को, सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक, सभी देशवासियों को, जनता-कर्फ़्यू का पालन करना है. ज़रूरी ना हो तो घरों से बाहर ना निकले. हमारा ये प्रयास, हमारे आत्म-संयम, देशहित में कर्तव्य पालन के संकल्प का एक प्रतीक होगा. 22 मार्च को जनता-कर्फ़्यू की सफलता, इसके अनुभव, हमें आने वाली चुनौतियों के लिए भी तैयार करेंगे."इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा, "मैं चाहता हूं कि 22 मार्च, रविवार के दिन हम ऐसे सभी लोगों को धन्यवाद अर्पित करें. रविवार को ठीक 5 बजे, हम अपने घर के दरवाज़े पर खड़े होकर, बाल्कनी में, खिड़कियों के सामने खड़े होकर 5 मिनट तक ऐसे लोगों का आभार व्यक्त करें. पूरे देश के स्थानीय प्रशासन से भी मेरा आग्रह है कि 22 मार्च को 5 बजे, सायरन की आवाज़ से इसकी सूचना लोगों तक पहुंचाएं."

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में कहा, "इस रविवार, यानी 22 मार्च को, सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक, सभी देशवासियों को, जनता-कर्फ़्यू का पालन करना है. ज़रूरी ना हो तो घरों से बाहर ना निकले. हमारा ये प्रयास, हमारे आत्म-संयम, देशहित में कर्तव्य पालन के संकल्प का एक प्रतीक होगा. 22 मार्च को जनता-कर्फ़्यू की सफलता, इसके अनुभव, हमें आने वाली चुनौतियों के लिए भी तैयार करेंगे."इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा, "मैं चाहता हूं कि 22 मार्च, रविवार के दिन हम ऐसे सभी लोगों को धन्यवाद अर्पित करें. रविवार को ठीक 5 बजे, हम अपने घर के दरवाज़े पर खड़े होकर, बाल्कनी में, खिड़कियों के सामने खड़े होकर 5 मिनट तक ऐसे लोगों का आभार व्यक्त करें. पूरे देश के स्थानीय प्रशासन से भी मेरा आग्रह है कि 22 मार्च को 5 बजे, सायरन की आवाज़ से इसकी सूचना लोगों तक पहुंचाएं."प्रधानमंत्री मोदी के एलान के बाद से ही इस बात की चर्चा शुरू हो गई कि क्या एक दिन का जनता कर्फ़्यू आने वाले किसी बड़े कर्फ़्यू की आहट तो नहीं.

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में कहा, "इस रविवार, यानी 22 मार्च को, सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक, सभी देशवासियों को, जनता-कर्फ़्यू का पालन करना है. ज़रूरी ना हो तो घरों से बाहर ना निकले. हमारा ये प्रयास, हमारे आत्म-संयम, देशहित में कर्तव्य पालन के संकल्प का एक प्रतीक होगा. 22 मार्च को जनता-कर्फ़्यू की सफलता, इसके अनुभव, हमें आने वाली चुनौतियों के लिए भी तैयार करेंगे."इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा, "मैं चाहता हूं कि 22 मार्च, रविवार के दिन हम ऐसे सभी लोगों को धन्यवाद अर्पित करें. रविवार को ठीक 5 बजे, हम अपने घर के दरवाज़े पर खड़े होकर, बाल्कनी में, खिड़कियों के सामने खड़े होकर 5 मिनट तक ऐसे लोगों का आभार व्यक्त करें. पूरे देश के स्थानीय प्रशासन से भी मेरा आग्रह है कि 22 मार्च को 5 बजे, सायरन की आवाज़ से इसकी सूचना लोगों तक पहुंचाएं."प्रधानमंत्री मोदी के एलान के बाद से ही इस बात की चर्चा शुरू हो गई कि क्या एक दिन का जनता कर्फ़्यू आने वाले किसी बड़े कर्फ़्यू की आहट तो नहीं.इस बात का अंदाज़ा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि मोदी ने अपने भाषण में पैनिक में आकर सामान न ख़रीदने का ज़िक्र किया, लेकिन लोग उनके उसी फ़रमान की नाफ़रमानी करने लगे.

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