आपने देखा होगा कि फल जब कच्चे होते हैं तो हरे रंग के होते हैं, जब पक जाते हैं तो सुंदर रंगों के बदल जाते हैं, इसका कारण क्या है?*
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राजनीति विज्ञान से एमफिल एवं हिंदी की प्रसिद्ध लेखक रचना गुप्ता बताती है कि कच्चा फल हरे रंग का होता है, क्योंकि इसका “क्लोरोप्लास्ट्स” इसकी उपरी स्किन में होता है। क्लोरोप्लास्ट्स यानी हरे प्लांट सेल जिनमें क्लोरोफिल होता है और प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया (सूर्य के प्रकाश से भोजन ग्रहण करने की प्रक्रिया) करता है। इसी के कारण फल हरे रंग का दिखाई देता है। इसका अर्थ होता है वृक्ष की डाली पर लगा हुआ फल सूर्य के प्रकाश से भोजन ग्रहण कर रहा है या नहीं फिलहाल उपयोग के लिए तैयार नहीं है बल्कि वृद्धि कर रहा है।
जैसे जैसे यह क्लोरोप्लास्ट“ क्रोमोप्लास्ट ”में बदलता है, फल का रंग बदलने लगता है और यह ज्यादातर लाल रंग में परिवर्तित हो जाता है। फल के पकने की प्रक्रिया एक रासायनिक प्रक्रिया है। पकने की यह प्रक्रिया फल के स्वाद, रंग और खुशबू सब को बदल देती है। फल जब पकता है तो साथ ही उसमें एसिड की मात्रा भी बढ़ती है लेकिन यह हमें महसूस नहीं होती, क्योंकि साथ ही साथ फल का स्टार्च शर्करा में बदल जाता है जैसे-जैसे क्लोरोप्लास्ट का ह्रास होता है। या उसमें कमी आती जाती है। फल का हरा रंग कम होना शुरू हो जाता है। कच्चे फल के पकने की प्रक्रिया में नए पिगमेंट का भी निर्माण होता है। फल की एथिलीन हार्मोन उसके पकने की प्रक्रिया को तेज करती है।
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Explanation:
Fal jab pakta h toh udne acid ka level bhad jata h or starch sugar me badal jata h