Hindi, asked by atultripathi858, 11 months ago

आपने 'उनको प्रणाम' कविता पढ़ी। किसी प्रासंगिक घटना का उदाहरण देकर इस कविता का मूल
संदेश व्यक्त करें।

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Answered by namanyadav00795
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भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव जैसे देशभक्त ने भारत को आजादी दिलाने के लिए अपने प्राणों का दान दे दिया | 23 मार्च 1931 को अंग्रेजों ने उन्हें अपराधी घोषित कर फांसी दे दी |

"उनको प्रणाम" कविता में कवि ऐसे कर्मशील, क्रांति पुरुष को प्रणाम करते हैं |

भले ही 1931 में देश को आजादी नहीं मिल पाई लेकिन भगत सिंह और उनके साथियों के

इस बलिदान ने भारत के युवाओं के हृदयों में स्वतंत्रता की ज्वालामुखी जला दी और

दुश्मनों के मनोरथ को चूर चूर कर दिया |

कवि ऐसे देशभक्तों को प्रणाम करते हैं जिन्होंने अपने स्वार्थों का त्याग करके कर्म करना

आरंभ किया |

कवि हमें निजी स्वार्थ त्याग कर कर्मशील बनने की और सफलता-असफलता का चिंतन त्याग कर कर्म प्रारंभ करने की प्रेरणा दे रहे हैं |

भगवद गीता में भगवान श्री कृष्ण, अर्जुन से सफलता-असफलता का चिंतन त्याग कर युद्ध करने के लिए कहते हैं-

कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन । मा कर्मफलहेतुर्भुर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि

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