आपदा से
बादल फटने से आई प्राकृतिक
ग्रस्त लोगों को राहत
भामग्री की आवश्यकता है। इसकी
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सूचना अपने क्षेत्र के निवासियों
तक पहुंचाइए।
(सूचना लेखन
Answers
Explanation:
तीव्र वर्षा, चक्रवात, बाढ़, सूखा, भूकम्प जैसी प्राकृतिक आपदायें देश के सामाजिक व आर्थिक विकास को प्रभावित करती हैं। इन आपदाओं के कारण पर्यावरणीय उतार-चढ़ाव के अतिरिक्त जन जीवन व जन सम्पदा की भयंकर हानि होती है। अधिकांशतः प्राकृतिक विनाश का मूल कारण मौसम से सम्बंधित होता है। इसके अंतर्गत बादलों के फटने के कारण होने वाली तीव्र वर्षा, चक्रवात, बाढ़ एवं सूखा सम्मिलित है।
विनाशकारी परिणाम निम्न हैं-
• मकानों, भवनों, सूचना तंत्र इत्यादि की हानि
• मानव, पशु एवं अन्य जीव जंतुओं के जीन ह्रास
• कृषि/फसलों एवं भूमि का विनाश
• अन्न और अन्न भंडारों को क्षति
• आवश्यक सुविधाओं जैसे जल एवं विद्युत, सड़क यातायात आदि क्षतिग्रस्त होना।
भारतवर्ष में यद्यपि प्राकृतिक आपदायें अधिकतर घटित होती हैं। तथापि भारतवर्ष में संरचना, योजना, प्रबोधन, बचावकार्य, आपदा के पश्चात विकास कार्य एवं आपदा से पूर्व तैयारी इत्यादि क्षेत्रों में सामान्यतः कमी पायी गयी है।
प्रस्तुत प्रपत्र में बादलों के फटने के कारण मुख्यतः पर्वतीय क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन के लिये कुछ प्रबंधन पद्धतियों पर विचार विमर्श किया गया है।