Hindi, asked by Whitedevil12, 1 year ago

Aapne bhi kisi sthan ki yatra avashyak ki hogi Yatra ke dauran hue Anubhav ko lekar prastut Karen 100 shabdo mein

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Answered by neerajbhavya1784
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Answer:

ग्रीष्मावकाश में इस बार मैंने अपने माता-पिता, बहन और दो मित्रों के साथ देहरादून घूमने जाने की योजना बनाई । सबको मेरा प्रस्ताव पसंद आया और हम सब 24 मई को अपनी गाड़ी में बैठकर प्रात: 4 बजे देहरादून के लिए रवाना हुए। अभी गाड़ी 25-30 किमी 0 ही चली थी कि अचानक वह घरघराकर रूक गई । गाड़ी खराब हो गई थी। यहाँ आस-पास कोई शहर या कस्बा नहीं था। सड़क के दोनों ओर खेत थे। रास्ता सुनसान था। हम सब परेशान हो गए। पिताजी ने उतरकर देखा, पर उन्हें भी समझ नहीं आया कि गाड़ी क्यों नहीं चल रही थी। हमें वहीं खड़े-खड़े तीन घंटे बीत गए। उस सड़क पर आने-जाने वाली गाडि़यों को हमने हाथ देकर रोकने की कोशिश की, जिससे कुछ सहायता प्राप्त की जा सके,परंतु सभी लोग जल्दी में थे और कोई भी हमारी बात सुनने के लिए नहीं रूकना चाहता था।

शाम होने जा रही थी। हम लोगों का भूख और गर्मी के कारण बुरा हाल था। मेरी छोटी बहन तो परेशान होकर रोने लगी, मां ने मुशिकल से उसे चुप कराया। जब कुछ हल नहीं सूझा तो मेरे पिता जी ने चाचा जी को फ़ोन किया और वे अपने साथ मैकेनिक को लेकर आए, तब कहीं जाकर गाड़ी ठीक हो सकी।

इस बीच मेरठ से खाना खरीदा गया और हम लोग रात में 12.30 बजे देहरादून पहुँच पाए। हमारा पूरा दिन बर्बाद हो गया था। अब जब कभी हम लोग गाड़ी में बैठकर बाहर जाते हैं या कहीं घूमने की योजना बनाते हैं, वह समस्याओं से भरा दिन बरबस याद आ जाता है।

Explanation:

HOPE   IT    HELPS    YOU.....

Answered by vineshsisodiya2006
5

Answer:

apne bhi kisi sthan ki yatra avsak ki hogi

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