आरिफ की नानी के घर के पीछे एक छोटा सा जंगल था जिसमें एक तालाब था एक रात वह अजीब आवाज सुनकर तालाब की ओर चल पड़ा आसमान में पूरा जान चमक रहा था तभी अचानक उसे याद आया मैंने उसे अकेले उस तरफ जाने से मना किया था आगे की कहानी बताइए
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आरिफ की नानी के घर के पीछे एक छोटा सा जंगल था जिसमें एक तालाब था एक रात वह अजीब आवाज सुनकर तालाब की ओर चल पड़ा आसमान में पूरा जान चमक रहा था तभी अचानक उसे याद आया मैंने उसे अकेले उस तरफ जाने से मना किया था आगे की कहानी निम्न प्रकार से लिखी गई है।
यह बात याद आते ही वह डर गया , पूरा शरीर पसीना पसीना हो गया परन्तु फिर हिम्मत जुटाई कि यहां आ गया हूं तो वापस घर तो जाना है।आरिफ रास्ता भी भटक गया था। जंगल से अजीब अजीब आवाजें आ रही थी। कुछ जानवरों की आवाजें भी आ रही थी।कुछ आगे चलने पर उसे महसूस हुआ कि ये आवाजे तालाब से आ रही थी। हिम्मत करके वह तालाब की ओर चलने लगा, तालाब के पास पहुंचकर उसने देखा तो हैरान रह गया, तालाब में एक सुंदर परी थी।परी ने उसे बुलाकर कहा कि मै सोनपरी हूं। डरो मत।
फिर परी ने उससे पूछा कि बताओ तुम्हारी कोई इच्छा हो तो , आज पूर्ण मासी है, मै हर पूर्ण मासी की रात यहां आती हूं और एक अच्छे इंसान की इच्छा पूरी करती हूं।
आरिफ ने कहा कि धन्यवाद , मुझे कुछ नहीं चाहिए मै रास्ता भटक गया हूं केवल घर जाने का रास्ता बता दो।
परी ने डंडा घुमाया और आरिफ अपने नानी के घर पहुंच गया।
इतने में उसे एक और आवाज अाई, " आरिफ उठो, सूरज निकल आया है , नींद में क्या बडबडा रहे हो" ।
तब उसे ध्यान आया कि नानी मां उसे उठा रही थी और रात को उसने परी वाला सपना देखा था।