History, asked by rk815167, 2 months ago

आर. ई. एम. व्हीलर कौन था? भारतीय पुरातत्व में उसके किसी एक योगदान
का उल्लेख कीजिए।

Answers

Answered by archu532825
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Answer:

आर.ई.एम. व्हीलर मुख्य रूप से एक ब्रिटिश पुरातत्वविद् थे। वह 1944-48 तक भारतीय पुरातत्व के डीरेक्टर जनरल थे। उन्होंने हड़प्पा की खुदाई के लिए बहुत कुछ किया। उनके मुख्य योगदान में पुरातत्व और कार्टेशियन समन्वय प्रणाली में वैज्ञानिक पद्धति का उपयोग शामिल है।भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ए.एस. आई.) ब्रिटिश पुरातत्वशास्त्री विलियम जोन्स, द्वारा १५ जनवरी, १७८४ को स्थापित एशियैटिक सोसायटी का उत्तराधिकारी है। सन १७८८ में इसका पत्र द एशियाटिक रिसर्चेज़ प्रकाशित होना आरम्भ हुआ था और सन १८१४ में इसका प्रथम संग्रहालय बंगाल में बना।

Answered by orangesquirrel
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आर. ई. एम. व्हीलर एक "ब्रिटिश पुरातत्त्ववेत्ता" थे|

  • आर. ई. एम. व्हीलर का पूरा नाम सर रोबर्ट एरिक मोर्टिमर व्हीलर था|
  • वे एक ब्रिटिश अधिकारी और पुरातत्त्ववेत्ता थे|
  • वे "भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग" (Archaeological Survey of India) के डायरेक्टर जनरल (Director General) भी रह चुके हैं|
  • भारतीय पुरातत्व में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है|
  • सर मोर्टिमर व्हीलर ने सिंधु घाटी की सभ्यता के प्रमुख स्थल “मोहनजोदड़ो” और “हड़प्पा” का शुरूआती निरिक्षण किया था जिसमे दोनों स्थलों पर लोगों के बसने और दुर्ग के साबुत मिले| उसके बाद उन्होंने वहां बड़े रूप में निरिक्षण करवाया| इसमें और भी सिंधु घाटी सभ्यता के और भी प्रमाण सामने आए|
  • सर व्हीलर के इस कदम ने आगे सिंधु घाटी सभ्यता के पुरातत्वविदों जैसे दयाराम साहनी, आर. डी. बनर्जी, इत्यादि को काफी मदद की|

#SPJ3

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