Hindi, asked by baiswarelucky, 16 days ago

आर .जे .के विए आिश्यक िुण विखिए |​

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Answered by shlok121mulik
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एफ एम के तीसरे चरण की ज्यादातर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और जल्द ही हमें पूरे देश में करीब 400 नए एफ एम रेडियो सुनने को मिलेंगे। जितने ज्यादा रेडियो स्टेशन, उतने ज्यादा रोजगार के मौके और इन मौकों में जिस चीज की ओर युवा सबसे ज्यादा आकर्षित होते हैं, वह है रेडियो जॉकी। रेडियो जॉकी बनने का क्या है रास्ता, बता रहे हैं सत्येंद्र मट्टू :

रेडियो का सफरनामा

रेडियो का नाम लेते ही जहन में पहला वाक्य आता है यह आकाशवाणी है। 1936 में इंडियन स्टेट ब्रॉडकास्टिंग सर्विस का नाम बदलकर ऑल इंडिया रेडियो रख दिया गया था जिसे हिन्दी में आकाशवाणी के नाम से जाना जाता है। आज भी आकाशवाणी रेडियो माध्यम को सुनने और जानने वालों का पसंदीदा स्टेशन है। केवल आकाशवाणी ही ऐसा एकमात्र स्टेशन है जिस पर हम कमेंटरी और समाचार सुन सकते हैं। जहां तक एफएम की बात है तो देश में इसकी शुरुआत 1977 में मद्रास में हुई। आगे चलकर दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नै में भी एफ एम प्रसारण शुरू हुए। टाइम्स एफ एम (आज के रेडियो मिर्ची) ने 1993 में अहमदाबाद में अपना एफ एम प्रसारण शुरू किया। 1993 तक भारत में ऑल इंडिया रेडियो ही एकमात्र रेडियो प्रसारक था। इसके बाद सरकार ने रेडियो प्रसारण क्षेत्र के निजीकरण की प्रक्रिया शुरू की। जून 1998 तक टाइम्स ग्रुप का टाइम्स एफ एम चलता रहा। आज दिल्ली में बहुत से एफ एम आधारित रेडियो हैं।

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