आर्थिक मंदी से जूझ रहे परिवार एक कहानी लिखिए
Answers
Explanation:
शीर्षक किसी भी रचना के मुख्य भाव को व्यक्त करता है। इस पाठ का शीर्षक ‘जूझ’ पूरे अध्याय में व्याप्त है।
‘जूझ’ का अर्थ है-संघर्ष। इसमें कथा नायक आनंद ने पाठशाला जाने के लिए संघर्ष किया। यह एक किशोर के देखे और भोगे हुए गाँवई जीवन के खुरदरे यथार्थ व परिवेश को विश्वसनीय ढंग से व्यक्त करता है। इसके अतिरिक्त, आनंद की माँ भी अपने स्तर पर संघर्ष करती है। लेखक के संघर्ष में उसकी माँ, देसाई सरकार, मराठी व गणित के अध्यापक ने सहयोग दिया। अत: यह शीर्षक सर्वथा उपयुक्त है। इस कहानी के कथानायक में संघर्ष की प्रवृत्ति है। उसका पिता उसको पाठशाला जाने से मना कर देता है। इसके बावजूद, कथा नायक माँ को पक्ष में करके देसाई सरकार की सहायता लेता है। वह दादा व देसाई सरकार के समक्ष अपना पक्ष रखता है तथा अपने ऊपर लगे आरोपों का उत्तर देता है। आगे बढ़ने के लिए वह हर कठिन शर्त मानता है। पाठशाला में भी वह नए माहौल में ढलने, कविता रचने आदि के लिए संघर्ष करता है। इस प्रकार यह शीर्षक कथा-नायक की केंद्रीय चारित्रिक विशेषता को उजागर करता है।
Answer:
लंबे समय से आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में अब मंदी जैसे हालात बन गए हैं. बीते हफ्ते पाकिस्तान के शेयर बाजार में 2.4 फीसदी से अधिक की गिरावट रही तो वहीं रुपये में भी ऐतिहासिक फिसलन देखने को मिली. बीते शुक्रवार को पाकिस्तान शेयर बाजार के बेंचमार्क कराची स्टॉक एक्सचेंज (KSE-100) के शेयर 805 अंक के करीब टूटकर 33 हजार 166 के स्तर पर बंद हुए.
कराची स्टॉक एक्सचेंज की शुरुआत 33 हजार 971 के स्तर पर हुई जो कारोबार के दौरान लुढ़क कर 33 हजार के स्तर पर पहुंच गई. इस गिरावट में निवेशकों के 1000 करोड़ पाकिस्तानी रुपये डूब गए.
रुपया अब तक के निचले स्तर पर
कुछ ऐसा ही हाल पाकिस्तानी रुपये का रहा. पाकिस्तान की मुद्रा रुपया, डॉलर के मुकाबले अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर आ गया. एक्सचेंज कंपनीज एसोसिएशन ऑफ पाकिस्तान के मुताबिक बीते हफ्ते में एक डॉलर का मूल्य 151 पाकिस्तानी रुपये के बराबर हो गया. जबकि एक डॉलर के मुकाबले मौटे तौर पर अफगानिस्तान की मुद्रा का मूल्य 80, भारतीय रुपये का मूल्य 70, बांग्लादेशी टके का 84, नेपाली रुपये का 112 के आसपास है.
यह पहली बार है जब पाकिस्तानी रुपया भारतीय रुपये के मुकाबले आधी कीमत पर आ गया है. बता दें कि पाकिस्तानी रुपये का भाव पिछले एक साल में 20 फीसदी से ज्यादा घट चुका है और यह डॉलर के मुकाबले एशिया की सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली मुद्रा बन गई है. पाकिस्तानी बाजार के जानकारों का कहना है कि आने वाले दिनों में रुपया और टूट सकता है.
क्यों बिगड़ रहे हैं हालात
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक आने वाले दिनों में शेयर बाजार और रुपया में गिरावट का सिलसिला जारी रहने की आशंका है. दरअसल, पाकिस्तान सरकार की पिछले सप्ताह अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के साथ 6 अरब डॉलर के राहत पैकेज पर शुरुआती सहमति बनी है. पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने राहत पैकेज के लिए आईएमएफ की कौन-कौन सी शर्तें मानी, इसकी अटकलें की वजह से निवेशकों में एक डर का माहौल बना हुआ है.
इसके साथ ही निवेशकों में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को लेकर भी चिंता बढ़ती जा रही है. पाकिस्तानी सरकार ने गिरते रुपये को थामने के लिए एक समिति गठित की है. हालात यह हो गए हैं कि पाकिस्तानी रुपये के अवमूल्यन को रोकने के लिए प्रधानमंत्री इमरान खान ने देश से बाहर जाने वाले व्यक्ति पर अमेरिकी डॉलर ले जाने पर पाबंदी लगा दी है.
अब पाकिस्तान से बाहर जाने वाला शख्स अपने साथ सिर्फ 3000 अमेरिकी डॉलर ले जा सकता है. पहले ये सीमा 10,000 अमेरिकी डॉलर थी. बता दें कि आईएमएफ 1980 से अब तक पाकिस्तान को 12 बार राहत पैकेज दे चुका है. इस बीच, 10 मई को समाप्त हुए सप्ताह में पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 13.80 अरब करोड़ डॉलर घटकर 8.846 अरब डॉलर पर आ गया है. इस रकम से पाकिस्तान 3 महीने से भी कम की जरूरी सामग्री आयात कर सकता है.
महंगाई की मार
पहले से ही महंगाई से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए गिरते रुपये की वजह से संकट बढ़ सकता है. इस वजह से कच्चे तेल के लिए आयात पर निर्भर पाकिस्तान पेट्रोल और भी महंगा हो सकता है. पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से पाकिस्तान में महंगाई भी बढ़ने की आशंका है. इसके अलावा इनडायरेक्ट टैक्स में बढ़ोतरी भी आम लोगों के लिए नई मुसीबत है.
स्थानीय मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक आईएमएफ ने राहत पैकेज देने के एवज में लाखों लोगों पर जो कमरतोड़ आर्थिक बोझ डाला है उसके परिणाम जल्द सामने आएंगे. आईएमएफ की शर्तें लागू करने से आम लोगों पर महंगाई का बोझ बढ़ जाएगा. बता दें कि वर्तमान में महंगाई दर 9 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है. यहां पर इस वक्त महंगाई दर 9.2 प्रतिशत है.