आर्थिक विकास और जनसंख्या वृद्धि के बीच क्या संबंध है?
Answers
जनसंख्या और आर्थिक विकास में दोनों प्रकार के संबंध है। एक सीधा और एक व्यस्त।
सीधे का मतलब है जनसँख्या के साथ विकास भी अधिक होगा ।
और व्यस्त का मतलब है उल्टा जब जनसंख्या बढेगी तो विकास घटेगी।
भारत के संदर्भ में तो ये अब पहले प्रकार में आने लगी है। जब हम जनसंख्या के विस्फोट जैसी स्थिति को देखते थे। इसे पश्चिम के देशों में baby boomer काल भी कहा गया। करीब 1945 से 1960 के जमाने मे जनसंख्या की वृद्धि की गति काफी तीव्र थी। उस का एक विशिष्ट कारण भी था। दूसरे महायुद्ध के कारण जनसंख्या काफी कम भी हुए थी और वृद्धि की गति भी धीमी पड़ गयी थी। बाद में ते समझ आया कि उसे अगर नही रोक पाए तो विकास अवरूद्ध होगा।
भारत मे भी प्रयास किये गए परन्तु वो ज्यादा सफ़ल नही रहे और जब सब दुनिया मे जनसंख्या वृद्धि की गति अत्यंत धीमी पड़ गयी। उसका दूसरा असर ये रहा कि आज सारि दुनिया के विकसित देशो में काम करने के योग्य हाथों की कमी एक गंभीर समस्या का रूप लेकर खड़ी हो गई है।
और दूसरी और fertility भी तीव्र गति से घट टी जा रही है। ऐसी स्थिति में भारत भी इन सब समस्या से मुक्त नही रहा है। अब तो भारत की फर्टिलिटी भी काफी कम हो चुकी है। इस मामले में हम विकसित देशों से कुछ पिछड़ गए जरूर हैं फिर भी इस कारण आज हम काम करने की उम्र के दृष्टि से सबसे आगे हैं।
इस दृष्टि से जनसंख्या की वृद्धि भारत के लिए कोई बड़ी समस्या नही उल्टे एक अच्छा अवसर के रूप में सामने आ रहा है।
ये एक प्रकार से किसी गलती का लाभ ही समझना चाहिये।
अभी तो उत्तर के दो या तीन राज्यों में ही जनसंख्या की वृद्धि की गति नेगेटिव रेंज में जानी बची हैं। सारा भारत अब कुछ ही समय मे नेगेटिव ग्रोथ अवस्था मे पहुच जाएगा।