आर्यभट्ट की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए इनके प्रमुख वैज्ञानिक कार्यों का विस्तार से वर्णन कीजिए।
Answers
Explanation:
आर्यभट्ट पहले भारतीय गणितज्ञों और शास्त्रीय युग से संबंधित खगोलविदों में से एक थे।
गणितीय कार्य:
आर्यभट्ट ने संख्या और बताते हुए गुणों को दर्शाने के लिए अक्षरों का उपयोग करके स्थान मूल्य प्रणाली पर काम किया। वह पाई और एक त्रिभुज के क्षेत्र के सन्निकटन के साथ भी आये थे। उन्होंने अपने काम में साइन की अवधारणा को 'अर्ध-जया' कहा, जिसका अनुवाद 'अर्ध-वर्ण' के रूप में किया गया।
खगोलीय कार्य:
वह जानते था कि पृथ्वी सूर्य के चारों ओर एक धुरी पर घूम रही है और चंद्रमा उसके चारों ओर घूमता है। उन्होंने नौ ग्रहों की स्थिति का भी पता लगाया और कहा कि ये भी सूर्य के चारों ओर घूमते हैं। उन्होंने ग्रहण की ओर इशारा किया; चंद्र और सौर दोनों। आर्यभट्ट ने एक वर्ष में 365 दिनों की सही संख्या बताई। वह इस बात का उल्लेख करने वाले पहले व्यक्ति थे कि पृथ्वी समतल नहीं थी, लेकिन वास्तव में एक गोलाकार आकृति थी।