Hindi, asked by AshazPathan, 6 months ago

aaryo Ka mukhye व्यविाSAAS kaun saa tha​

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Answered by palakpatela2006
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ekशब्द है जिसका उपयोग आर्यावर्त प्राचीन अखण्ड भारत के लोगों द्वारा स्व-पदनाम के रूप में किया गया था। इस शब्द का इस्तेमाल वैदिक काल मे अखण्ड भारत के लोगों द्वारा एक विशेषण के रूप में किया जाता हैं। दस्यु और आर्य शब्द का इस्तमाल एक विशेषण के रुप मे किया जाता था। 'आर्य' का अर्थ होता है 'आदर्श', 'अच्छे ह्रदय वाला', 'आस्तिक', 'अच्छे गुणों वाला' जो कोई भी हिंद-आर्य भाषा बोलने वाला व्यक्ति हो सकता है चाहे वह स्त्री हो या पुरुष। आर्य लोगो का निवास स्थान अखण्ड भारत तथा भूटान,इंडोनेशिया...था उसे हि आर्यवर्त कहा गया हैं। आर्यवर्त अखण्ड भारत का धार्मिक और संस्कृतिक नाम हैं। इसी प्रकार 'दस्यु' शब्द का अर्थ था 'राक्षस' या 'दैत्य' जिसका अर्थ है 'राक्षसी प्रवृत्ति' वाला जैसे कि बलात्कारी, हत्यारा, मांस भक्षी, 'दुराचारी' 'नास्तिक' आदि यह एक 'अवगुण' का सूचक था। [1] अपने लिए वर्ग के साथ-साथ भौगोलिक क्षेत्र को आर्यावर्त के नाम से जाना जाता है। [2][3][4][5] निकट से संबंधित ईरानी लोगों ने भी अवेस्ता शास्त्रों में अपने लिए एक जातीय लेबल के रूप में इस शब्द का इस्तेमाल किया, और यह शब्द देश के नाम ईरान के व्युत्पत्ति स्रोत का निर्माण करता है। 19 वीं शताब्दी में यह माना जाता था कि आर्यन एक स्व-पदनाम भी था, जिसका उपयोग सभी भारतीय किया जाता था, एक सिद्धांत जिसे अब छोड़ दिया गया है। विद्वानों का कहना है कि प्राचीन काल में भी, "आर्य" होने का विचार धार्मिक, सांस्कृतिक और भाषाई था।[6]

Answered by nancyyadavtafs
3

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