Hindi, asked by varun4052, 3 months ago

आसीत् पुरा दयालुः नाम कश्चित्
कृषीवलः। तस्य नन्दिनी नाम एका
शोभना धेनुः आसीत्। सः प्राणपणेन तां
पालयति स्म। एकस्यां रात्रौ कश्चन
चौरः तस्य धेनुम् अपहरत्। प्रातः उत्थाय
यदा दयालुः पश्यति तदा तस्य गेहे धेनुःनासीत्। translate hindi​

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Answered by hemavijay1284
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Explanation:

नन्दिनी महर्षि वसिष्ठ की गाय थी। कहा जाता है की नन्दिनी का दुग्धपान करने वाला अमर हो जाता था। महर्षि विश्वामित्र ने नंदिनी के अपहरण की चेष्टा की थी। महाराज रघु नंदिनी की सेवा के लिए प्रसिद्ध है जिनके कारण उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हुई।

नन्दिनी, वसिष्ठ की कामधेनु का नाम है जो सुरभि की कन्या थी । राजा दिलीप ने इसी गौ को वन में चराते समय सिंह से उसकी रक्षा की थी और इसी की आराधना करके उन्होंने रघु नामक पुत्र प्राप्त किया था । महाभारत में लिखा है कि 'द्यो' नामक वसु अपनी स्त्री के कहने से इसे वसिष्ठ के आश्रम से चुरा लाया था जिसके कारण वसिष्ठ के शाप से उसे भीष्म बनकर इस पृथिवी पर जन्म लेना पड़ा था । जब विश्वामित्र बहुत से लोगों को अपने साथ लेकर एक बार वसिष्ठ के यहाँ गए थे तब वसिष्ठ ने इसी गौ से सब कुछ लेकर सब लोगों का सत्कार किया था । यह विशेषता देखकर विश्वामित्र ने वसिष्ठ से यह गौ माँगी; पर जब उन्होंने इसे नहीं दिया तब विश्वामित्र उसे जबरदस्ती ले चले । रास्ते में इसके चिल्लाने से इसके शरीर के भिन्न भिन्न अंगों में से म्लेच्छों और यवनों की बहुत सी सेनाएँ निकल पड़ीं जिन्होंने विश्वामित्र को परास्त किया और इसे उनके हाथ से छुड़ाया ।

Answered by vandana42kvsnarela
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Answer:

This answer is correct which Is provided upside.

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